प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंजाब और हिमाचल में बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया, राहत कार्यों की समीक्षा की

Prime Minister Narendra Modi conducted an aerial survey of flood-affected areas in Punjab and Himachal, reviewed relief operationsचिरौरी न्यूज

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को पंजाब और हिमाचल प्रदेश के बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण कर हालात का जायज़ा लिया। उन्होंने उफनती नदियों, भारी बारिश और भूस्खलन से हुए जान-माल के नुकसान की स्थिति को निकट से देखा और बचाव कार्यों में लगे दलों से मुलाकात कर उनके प्रयासों की सराहना की।

पंजाब में भारी तबाही, 1988 की बाढ़ की यादें ताज़ा

पंजाब इस समय दशकों की सबसे भीषण बाढ़ से जूझ रहा है, जिसने 1988 की विनाशकारी बाढ़ की याद दिला दी है। राज्य के गुरदासपुर और अन्य प्रभावित क्षेत्रों में प्रधानमंत्री मोदी ने हवाई सर्वेक्षण किया और ज़मीनी स्तर पर राहत कार्यों की समीक्षा की।

प्रधानमंत्री ने गुरदासपुर में एनडीआरएफ (NDRF), एसडीआरएफ (SDRF) और आपदा मित्र टीमों के कर्मियों से मुलाकात की। उन्होंने बाढ़ से प्रभावित स्थानीय निवासियों से भी संवाद किया और उनके अनुभवों को सुना। पीएम मोदी ने राहत और बचाव कार्यों में लगे सभी कर्मियों की निःस्वार्थ सेवा और तत्परता की सराहना की।

 हिमाचल प्रदेश में भी बाढ़ और भूस्खलन का कहर

पंजाब से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने हिमाचल प्रदेश का दौरा किया, जहां लगातार बारिश के चलते भूस्खलन और बाढ़ जैसी आपदाएं आईं हैं। वह कांगड़ा जिले के गग्गल हवाई अड्डे पर उतरे, जहां मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और राज्य के अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने उनका स्वागत किया।

हवाई सर्वेक्षण के बाद पीएम मोदी ने हिमाचल में भी स्थानीय लोगों से सीधे बातचीत की और एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के राहत कार्यों की जानकारी ली। बाद में कांगड़ा हवाई अड्डे पर उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर समेत राज्य के 20 से अधिक वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में नुकसान के आकलन और राहत उपायों पर चर्चा हुई।

सरकार हर कदम पर साथ है: प्रधानमंत्री मोदी

बाढ़ के बाद की स्थिति पर प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर एक संदेश साझा किया, “भारत सरकार इस दुखद घड़ी में प्रभावित लोगों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। हम हर संभव सहायता प्रदान करेंगे ताकि लोगों को जल्द से जल्द राहत मिल सके।”

पंजाब की बाढ़ का मुख्य कारण सतलुज, व्यास और रावी नदियों का उफान है, जो हिमाचल और जम्मू-कश्मीर के जलग्रहण क्षेत्रों में हुई अभूतपूर्व वर्षा के चलते खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में भी अधिक बारिश की संभावना जताई है।

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