प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस माह के अंत में जापान और चीन की यात्रा पर जाएंगे, रणनीतिक संबंधों को मिलेगा नया आयाम
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस माह के अंत में दो देशों, जापान और चीन, की यात्रा पर रवाना होंगे। विदेश मंत्रालय ने पुष्टि की है कि इस दौरे का उद्देश्य भारत के रणनीतिक संबंधों को और सशक्त करना है।
जापान यात्रा: 15वां भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन
पीएम मोदी 29 और 30 अगस्त को जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा के आमंत्रण पर जापान का दौरा करेंगे, जहां वह 15वें भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। यह प्रधानमंत्री मोदी की जापान की आठवीं यात्रा होगी, और पीएम इशिबा के साथ उनकी पहली शिखर बैठक होगी।
विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, “इस यात्रा के दौरान दोनों प्रधानमंत्रियों के बीच विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी की समीक्षा की जाएगी, जिसमें रक्षा और सुरक्षा, व्यापार और अर्थव्यवस्था, तकनीक और नवाचार, और जन-जन संपर्क जैसे मुद्दे शामिल होंगे। इसके साथ ही क्षेत्रीय और वैश्विक महत्व के विषयों पर भी चर्चा होगी।”
बयान में यह भी कहा गया, “यह यात्रा भारत और जापान के बीच पुराने और विशेष मैत्रीपूर्ण संबंधों को और मज़बूत करने का अवसर होगी।”
चीन यात्रा: शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन
जापान यात्रा के बाद प्रधानमंत्री मोदी 31 अगस्त से 1 सितंबर तक चीन के तिआनजिन शहर में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए रवाना होंगे। यह यात्रा चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के आमंत्रण पर हो रही है।
SCO शिखर सम्मेलन में 20 से अधिक देशों के नेता भाग लेंगे। प्रधानमंत्री मोदी इस दौरान कई देशों के नेताओं से द्विपक्षीय मुलाकातें भी करेंगे।
गौरतलब है कि भारत 2017 से SCO का सदस्य है और 2022-23 में संगठन की अध्यक्षता भी कर चुका है। यह पीएम मोदी की 2020 में गलवान घाटी संघर्ष के बाद पहली चीन यात्रा होगी, और ऐसे समय में हो रही है जब दोनों देश आपसी संबंधों को सुधारने की दिशा में काम कर रहे हैं।
चीनी विदेश मंत्री की भारत यात्रा
इससे पहले 18-19 अगस्त को चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने भारत का दौरा किया था और प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की थी। प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसार, “वांग यी ने प्रधानमंत्री को राष्ट्रपति शी जिनपिंग का निमंत्रण और SCO शिखर सम्मेलन का संदेश सौंपा। उन्होंने विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ हुई वार्ताओं को सकारात्मक बताया।”
प्रधानमंत्री की इस द्विपक्षीय यात्रा को भारत की विदेश नीति और एशियाई क्षेत्रीय कूटनीति के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।