प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल मणिपुर दौरे पर, हिंसा के बाद पहली बार करेंगे राज्य का दौरा
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल मणिपुर के दौरे पर रहेंगे, यह जानकारी राज्य के मुख्य सचिव पुनीत कुमार गोयल ने शुक्रवार को दी। मई 2023 में राज्य में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच हुए जातीय हिंसा के बाद यह प्रधानमंत्री का पहला दौरा होगा।
पीएम मोदी मिजोरम की राजधानी आइजोल से करीब 12:30 बजे मणिपुर के चुराचांदपुर जिले में पहुंचेंगे। यहां वे हिंसा के कारण विस्थापित हुए लोगों से मुलाकात करेंगे, लगभग ₹7,300 करोड़ की परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे, और ‘पीस ग्राउंड’ पर एक जनसभा को संबोधित करेंगे।
चुराचांदपुर दौरे का विशेष महत्व
चुराचांदपुर जिला कुकी बहुल क्षेत्र है और हिंसा से सबसे अधिक प्रभावित रहा है। वहीं, प्रधानमंत्री उसके बाद शाम 2:30 बजे राज्य की राजधानी इम्फाल जाएंगे, जहां वे ₹1,200 करोड़ की परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे और एक सार्वजनिक कार्यक्रम में भाग लेंगे। इम्फाल में मैतेई समुदाय का बहुमत है। इस तरह प्रधानमंत्री का दौरा दोनों समुदायों को संदेश देने और संतुलन स्थापित करने का प्रयास माना जा रहा है।
मुख्य सचिव गोयल ने कहा, “माननीय प्रधानमंत्री की यह यात्रा राज्य में शांति, सामान्य स्थिति और तेज़ विकास के लिए मार्ग प्रशस्त करेगी। राज्य सरकार और भारत सरकार की ओर से मैं मणिपुर की जनता से अपील करता हूं कि वे प्रधानमंत्री का स्वागत करें और कार्यक्रमों में बढ़-चढ़कर भाग लें।”
विपक्ष की आलोचना
मणिपुर में हिंसा की शुरुआत 3 मई 2023 को तब हुई थी जब पहाड़ी जिलों में ‘जनजातीय एकजुटता मार्च’ का आयोजन किया गया। यह प्रदर्शन मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा देने की मांग के खिलाफ था। उस समय से ही विपक्ष प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधता रहा है कि वे राज्य में हिंसा के बाद कभी नहीं आए।
अगस्त 2023 में विपक्ष ने संसद में अविश्वास प्रस्ताव लाकर केंद्र सरकार को मणिपुर मुद्दे पर घेरने की कोशिश की थी। हालांकि सरकार ने पलटवार करते हुए पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की नीतियों और पूर्वोत्तर में उनकी असफलताओं की ओर इशारा किया था। प्रधानमंत्री ने तब आश्वासन दिया था कि “मणिपुर की जनता अकेली नहीं है, देश उनके साथ है और जल्द ही शांति का रास्ता निकलेगा।”
अब जब दौरे की आधिकारिक पुष्टि हो चुकी है, तो विपक्षी दलों ने इसे “बहुत कम और बहुत देर से” बताया है। कांग्रेस के कुछ नेताओं ने कहा कि यह दौरा हिंसा की शुरुआत के दो साल बाद हो रहा है, जो दर्शाता है कि सरकार ने इस मुद्दे को प्राथमिकता नहीं दी।