ऑपरेशन सिंदूर पर संसद में प्रियंका गांधी ने पूछे तीखे सवाल, ‘सिर्फ श्रेय नहीं, ज़िम्मेदारी भी लें’
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: वरिष्ठ कांग्रेस नेता और सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने आज संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर चल रही बहस के दौरान केंद्र सरकार पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने 22 अप्रैल, 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर खुफिया तंत्र की विफलता पर सवाल खड़े किए और पूछा कि जब सरकार कश्मीर में आतंकवाद खत्म होने का दावा कर रही थी, तब इतना बड़ा हमला कैसे हुआ?
प्रियंका गांधी ने कहा, “रक्षा मंत्री ने एक घंटे तक भाषण दिया, सत्ता पक्ष के अन्य सांसदों ने भी बात की। ऑपरेशन सिंदूर से लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा और इतिहास तक पर चर्चा हुई, लेकिन एक बात पर कोई नहीं बोला। 22 अप्रैल को जब 26 लोग अपने परिवारों के सामने मारे गए, तब वो हमला कैसे और क्यों हुआ?”
उन्होंने बताया कि किस तरह शुबम द्विवेदी और उनकी पत्नी ऐशान्या वैष्णविक माहौल में घूमने गए थे, और किस तरह चार आतंकी जंगल से आकर शुबम को उनकी पत्नी के सामने गोली मार देते हैं, फिर अगली एक घंटे में 25 और निर्दोषों की पहचान कर उन्हें मौत के घाट उतार दिया जाता है।
“कोई सुरक्षा क्यों नहीं थी?”
प्रियंका गांधी ने ऐशान्या के हवाले से कहा, “मैंने अपनी दुनिया को खत्म होते देखा। वहां एक भी सुरक्षाकर्मी नहीं था। सरकार और देश ने हमें छोड़ दिया था।”
उन्होंने सवाल उठाया कि क्या सरकार को नहीं पता कि उस स्थान पर हर दिन 1,000 से 1,500 लोग जाते हैं? “वहां कोई सुरक्षा नहीं थी, न कोई प्राथमिक चिकित्सा सुविधा। ये लोग सरकार के भरोसे गए थे, लेकिन सरकार ने उन्हें भगवान भरोसे छोड़ दिया,” उन्होंने तीखे स्वर में कहा।
“प्रधानमंत्री और गृह मंत्री की क्या जिम्मेदारी नहीं?”
प्रियंका गांधी ने सवाल उठाया कि क्या प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री, गृह मंत्री और एनएसए नागरिकों की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार नहीं हैं? उन्होंने कहा, “हमले से दो हफ्ते पहले गृह मंत्री ने कहा था कि कश्मीर से आतंकवाद खत्म हो गया है। और तीन महीने बाद उपराज्यपाल बस इतना कहते हैं कि वे ज़िम्मेदारी लेते हैं और मामला खत्म हो जाता है। कोई जवाब नहीं मांगता।”
उन्होंने आतंकवादी संगठन द रेसिस्टेंस फ्रंट का जिक्र करते हुए कहा कि यह संगठन 2019 में बना और सरकार ने इसे तीन साल बाद आतंकवादी संगठन घोषित किया। “अगर सबको इसके बारे में पता था, तो क्या हमारी कोई एजेंसी इस हमले की योजना का पता नहीं लगा सकी? यह सुरक्षा एजेंसियों की बहुत बड़ी विफलता है।”