हिमाचल सेब किसानों पर अदाणी के खिलाफ बोलकर फंसी प्रियंका गांधी वाड्रा, 10 दिनों के अंदर ही 5000 मीट्रिक टन से ज्यादा हुई सेब की खरीददारी

Priyanka Gandhi Vadra stuck on Himachal apple farmers by speaking against Adani, within 10 days more than 5000 metric tonnes of apples were procured
(File Picture, Twitter)

चिरौरी न्यूज

नई दिल्ली: मौसम की मार झेल रहे हिमाचल प्रदेश के सेब बागबानों पर सियासत अपना रंग दिखाने लगी है। अदाणी द्वारा स्थानीय मंडी से प्रतिस्पर्धी दामों के कारण बड़ी संख्या में सेब किसान अदाणी के सीए स्टोरेज सेंटर्स (कंट्रोल एटमॉस्फियर स्टोरेज) पहुंच रहे हैं। ठियोग के सैंज, रोहड़ू के मेंहदली और रामपुर के बिथल में बने स्टोर्स में लगभग 10 दिनों के अंदर कुल 5000 मीट्रिक टन से अधिक सेब खरीदी हो चुकी है।

वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस शासित हिमाचल प्रदेश दौरे से दो रोज पूर्व पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्विटर के जरिए अदाणी पर सेब के दाम गिराने और बागबानों को तोड़ने का आरोप लगाते हुए सियासत गरमा दी है। हालांकि प्रमुख तथ्यों को उजागर न करने और अपने ही शासन में विषय की गंभीरता को राजनीति से जोड़ने के चक्कर में प्रियंका की आलोचना भी हो रही है।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने बुधवार को ट्वीट करते कहा कि अदाणी के दाम जारी करने के बाद सेब की पेटियां स्थानीय मंडी में पहले से एक तिहाई दाम पर बिक रही हैं। इससे सेब किसानों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

हालांकि स्थानीय स्थिति बेहतर होने और भ्रामक जानकारियों का शिकार होने के कारण प्रियंका को विरोध का सामना भी करना पड़ रहा है।

प्रियंका गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी और केंद्र सरकार पर निशाना साधा लेकिन शायद वो भूल गई की हिमाचल में उनकी ही कांग्रेस की सरकार है। हालांकि कृषि उत्पादों का मूल्य केंद्र और राज्य दोनो तय कर सकते हैं, लेकिन ये काफी हद तक राज्य सरकार के जिम्मे आता है। अगर प्रदेश की कांग्रेस सरकार को मंडियों में दी जा रही सब की कीमत कम लग रही है तो वो आसानी से इसका समाधान कर सकती हैं। और उसका असर निजी कंपनियों द्वारा निर्धारित मूल्यों पर भी पड़ेगा।

दरअसल अदाणी ने पिछले सीजन की तुलना में इस बार 19 रुपये बढ़ाकर दाम खोले थे, जिसके परिणामस्वरूप किसान प्रति किलो 25 से 30 रुपये बचाने में सक्षम हो गए। इसी कारण प्रदेश के अधिकतर सेब उत्पादकों ने अदाणी को अपनी पहली पसंद बनाया है। हिमाचल के किसानों को इस सीजन भूस्खलन और भारी तबाही का सामना करना पड़ा है, जिसके कारण पैदावार भी कम ही है और सेब की क्वालिटी भी बेहतर नहीं आ रही है। ऐसे में अदाणी एग्री फ्रेश लोकल मंडी के 75 से 85 रुपये प्रति पेटी सेब खरीदी के ऐवज में 110 रुपये तक सेब खरीद रही है। सेब के दाम अच्छे मिलने के साथ साथ किसानों को कम गुणवत्ता वाले सेबों को बेंचने का भी मौका मिल रहा है।

सूत्रों की मानें तो लोकल मंडी के कुछ अराजक तत्वों द्वारा अदाणी को लेकर कई तरह की भ्रामक अफवाहें फैलाई जा रही हैं। जबकि किसानों का कहना है कि अदाणी एग्री फ्रेश में पैसे भी तत्काल मिल जाते हैं और एक भी सेब रिजेक्ट नहीं होता है। दरअसल इस साल सेब किसानों को राहत देने के उद्देश्य से अदाणी ने दो बार सेब के दाम बढ़ाएं हैं, साथ ही स्टोरेज सेंटर्स को सर्वसुविधा युक्त तैयार किया गया है, ताकि दूर दराज से आने वाले किसान वहां ठहरने या रुकने में कोई असुविधा महसूस न करें।

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