राहुल गांधी ने चुनाव में धोखाधड़ी का आरोप लगाया, चुनाव आयोग ने चुनौती दी
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: वरिष्ठ कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन की हार पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में जहां गठबंधन को महाराष्ट्र में 48 में से 30 सीटें मिली थीं, वहीं महज पांच महीने बाद विधानसभा चुनाव में गठबंधन 50 सीटों का आंकड़ा भी पार नहीं कर सका। राहुल गांधी ने इसे लेकर कहा कि “कुछ न कुछ गड़बड़ जरूर है” और दावा किया कि चुनाव आयोग ने भारी अनियमितताओं के साथ चुनाव कराए हैं।
राहुल गांधी ने कहा कि बीजेपी को कभी भी सत्ता विरोधी लहर (एंटी इनकम्बेंसी) का सामना नहीं करना पड़ता। उन्होंने हरियाणा, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश का हवाला देते हुए कहा कि इन राज्यों में जनमत सर्वेक्षणों के नतीजे कुछ और थे, लेकिन चुनावी परिणाम बिल्कुल उलट आए। उन्होंने कहा कि “लड़ली बहना”, “पुलवामा”, “ऑपरेशन सिंदूर” जैसी भावनात्मक और नरेटिव गढ़कर जीत की कहानी तैयार की गई।
राहुल गांधी ने चुनाव आयोग के चुनावी कार्यक्रम को “कोरियोग्राफ किया गया” बताते हुए कहा कि यह और भी ज्यादा संदेह पैदा करता है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में पांच महीने में उतने वोटर जोड़े गए जितने पिछले पांच साल में नहीं हुए थे। उन्होंने यह भी कहा कि लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन जीतता है, लेकिन विधानसभा चुनाव में करारी हार होती है। उन्होंने दावा किया कि विधानसभा चुनाव में एक करोड़ नए वोटरों ने मतदान किया। राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि शाम 5:30 बजे चुनाव आयोग ने जबरदस्त मतदान की सूचना दी, लेकिन कांग्रेस के बूथ एजेंट्स ने बताया कि ऐसा कोई भारी मतदान हुआ ही नहीं। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में पहली बार उन्हें एहसास हुआ कि कुछ तो गलत है।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जब विपक्ष ने इन मुद्दों को लेकर सवाल उठाए तो चुनाव आयोग ने जवाब देने के बजाय चुप्पी साध ली। राहुल गांधी ने कहा कि आयोग ने उन्हें डिजिटल वोटर रोल भी नहीं दिया ताकि वे जांच कर सकें।
उन्होंने बताया कि पार्टी ने कर्नाटक के महादेवपुरा विधानसभा सीट पर विशेष रूप से ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की इंटरनल पोलिंग के अनुसार वे कर्नाटक में 16 लोकसभा सीटें जीतने वाले थे, लेकिन उन्हें सिर्फ 9 मिलीं। उन्होंने कहा कि 7 अप्रत्याशित हार में से एक महादेवपुरा पर ध्यान केंद्रित किया गया। राहुल ने दावा किया कि इस सीट ने बीजेपी को चुनाव जिताया। उन्होंने कहा कि बेंगलुरु सेंट्रल लोकसभा सीट में 6.26 लाख वोट पड़े, जबकि बीजेपी को 6,58,915 वोट मिले और वह 32,707 वोटों से जीत गई। महादेवपुरा विधानसभा सीट पर कांग्रेस को 1,15,586 और बीजेपी को 2,29,632 वोट मिले। राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि उन्होंने 1,00,250 “चुराए गए” वोटों का पता लगाया, जो पांच अलग-अलग तरीकों से हासिल किए गए — डुप्लीकेट वोटर्स, फर्जी पते, अवैध पते और एक ही पते पर सैकड़ों वोटर्स।
इस बीच, जैसे ही राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस चल रही थी, कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय ने कांग्रेस नेता को एक घोषणा पत्र सौंपने को कहा, ताकि इस मामले की जांच की जा सके। आयोग ने नोटिफिकेशन में कहा कि चुनावी सूची पारदर्शी तरीके से बनाई जाती है और इसकी प्रक्रिया पूरी तरह कानून सम्मत होती है। चुनाव परिणामों को सिर्फ हाई कोर्ट में चुनाव याचिका के माध्यम से ही चुनौती दी जा सकती है।
चुनाव आयोग के सूत्रों के अनुसार, राहुल गांधी से यह अपेक्षा की जा रही है कि वह आज ही यह घोषणा पत्र भरें और अपने सोशल मीडिया पर पोस्ट भी करें। सूत्रों ने कहा कि अगर वह ऐसा नहीं करते हैं, तो उन्हें “फर्जी सबूतों” को वापस लेना चाहिए।
घोषणा पत्र में राहुल गांधी को यह शपथ लेनी होगी कि वह जिन नामों की समावेश या निष्कासन की मांग कर रहे हैं, उसकी जानकारी सही है और वह इसके लिए व्यक्तिगत रूप से उत्तरदायी होंगे। साथ ही उन्हें यह भी स्वीकार करना होगा कि यदि उनका दावा झूठा पाया गया तो उसके लिए वह दंडनीय होंगे।
चुनाव आयोग के सूत्रों का यह भी कहना है कि राहुल गांधी इस तरह की शिकायतें करके बिहार में चल रही विशेष मतदाता सूची पुनरीक्षण प्रक्रिया को और मजबूत कर रहे हैं, जहां विपक्ष भी फर्जी वोटरों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहा है।
राहुल गांधी के आरोपों पर पलटवार करते हुए बीजेपी के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि यह राहुल गांधी की आदत बन चुकी है कि वह बिना आधार के आरोप लगाते हैं, मानहानि के केस का सामना करते हैं और फिर माफी मांग लेते हैं।