गुजरात में कांग्रेस संगठन को मजबूत करने के लिए राहुल गांधी की पहल

चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी मंगलवार, 15 अप्रैल से गुजरात के दो दिवसीय दौरे पर हैं। इस दौरान वे राज्य में पार्टी के जमीनी ढांचे को पुनर्जीवित करने के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत करेंगे। यह पहल कांग्रेस पार्टी की उस व्यापक रणनीति का हिस्सा है, जिसके तहत वह गुजरात में संगठनात्मक मजबूती के जरिए अपनी राजनीतिक जमीन वापस पाना चाहती है, जहां पार्टी तीन दशकों से सत्ता से बाहर है।
राहुल गांधी ने अपने दौरे की शुरुआत अहमदाबाद में एक ओरिएंटेशन मीटिंग के साथ की, जिसमें 42 अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) और 183 प्रदेश कांग्रेस कमेटी (PCC) पर्यवेक्षक शामिल हुए।
इन पर्यवेक्षकों की नियुक्ति AICC ने 12 अप्रैल को की थी, जिनका काम गुजरात के 33 जिलों और 8 प्रमुख शहरों में जिला कांग्रेस अध्यक्षों की नियुक्ति की निगरानी करना है। कुल मिलाकर यह प्रक्रिया 41 संगठनात्मक इकाइयों को कवर करेगी।
गुजरात कांग्रेस अध्यक्ष शक्तिसिंह गोहिल ने कहा, “पर्यवेक्षक स्थानीय नेतृत्व की पहचान और चयन में अहम भूमिका निभाएंगे, ताकि पार्टी के ढांचे को फिर से जीवंत किया जा सके। राहुल गांधी खुद उनसे संवाद करेंगे और नेतृत्व की अपेक्षाएं साझा करेंगे।”
बुधवार को राहुल गांधी अरावली जिले के मोडासा जाएंगे, जहां वे पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे और जिला स्तरीय इकाइयों को मजबूत करने के लिए पायलट प्रोजेक्ट की आधिकारिक शुरुआत करेंगे। इस पहल को एक टेस्ट केस के रूप में देखा जा रहा है, जिसके जरिए अन्य राज्यों में भी इसी तरह के संगठनात्मक सुधारों की संभावना तलाशी जा रही है।
इस दौरे से पहले, 8 और 9 अप्रैल को अहमदाबाद में AICC और कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की उच्चस्तरीय बैठकें हुई थीं — जो वर्षों बाद गुजरात में आयोजित की गईं। इसे पार्टी द्वारा राज्य में राजनीतिक पुनर्स्थापन की कोशिशों के रूप में देखा जा रहा है।
गुजरात दौरा राहुल गांधी के मार्च में हुए पूर्व दौरे की भी कड़ी है, जब उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं और नागरिक संगठनों से मुलाकात कर जमीनी स्तर पर जनसंपर्क और समावेशी राजनीति को बढ़ावा देने की बात कही थी।