“टीम के हित में कप्तानी ठुकराई”: जसप्रीत बुमराह का बड़ा खुलासा, कहा BCCI ने ऑफर दिया था टेस्ट कप्तानी का प्रस्ताव

चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: भारत के सीनियर तेज़ गेंदबाज़ जसप्रीत बुमराह ने खुलासा किया है कि उन्हें भारतीय टेस्ट टीम की कप्तानी का प्रस्ताव मिला था, लेकिन उन्होंने इसे ठुकरा दिया। बुमराह ने यह बयान स्काई स्पोर्ट्स को दिए एक इंटरव्यू में दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि वह अपने वर्कलोड को मैनेज करने के चलते कप्तानी का बोझ नहीं उठाना चाहते थे।
बुमराह ने कहा, “IPL के दौरान मैंने BCCI से बात की थी। रोहित शर्मा और विराट कोहली के रिटायरमेंट से पहले, मैंने साफ कहा था कि पांच मैचों की टेस्ट सीरीज़ में मैं अपना वर्कलोड लेकर बहुत स्मार्ट तरीके से आगे बढ़ना चाहता हूं। जो लोग मेरी पीठ की स्थिति संभालते हैं, उनके साथ चर्चा करने के बाद हमने तय किया कि मैं सभी टेस्ट नहीं खेल पाऊंगा।”
उन्होंने आगे कहा, “मैंने BCCI से कहा कि मुझे कप्तानी की भूमिका के लिए ना देखा जाए क्योंकि अगर मैं सभी टेस्ट नहीं खेलूंगा तो टीम के लिए यह आदर्श स्थिति नहीं होगी। टीम के हित में मैंने यह फैसला लिया कि कप्तानी स्वीकार नहीं करूंगा।”
अजित अगरकर का बयान आया सामने
बुमराह के इस बयान ने चयन समिति के अध्यक्ष अजीत अगरकर के पहले दिए बयान से एक अलग ही तस्वीर पेश की है। अगरकर ने मुंबई में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा था कि BCCI ने खुद ही बुमराह को कप्तानी से दूर रखने का फैसला किया था ताकि वे अपने गेंदबाज़ी वर्कलोड पर ध्यान दे सकें।
अगरकर ने कहा था, “बुमराह ऑस्ट्रेलिया में कप्तानी कर चुके हैं और बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में उप-कप्तान थे। लेकिन जब यह तय हुआ कि वह सभी टेस्ट नहीं खेल पाएंगे, तब हमने महसूस किया कि वे एक खिलाड़ी के तौर पर टीम के लिए ज्यादा जरूरी हैं। कप्तानी एक अतिरिक्त मानसिक बोझ होता है, और हम उन्हें फिट और तरोताजा रखना चाहते हैं।”
बुमराह के इनकार से स्पष्ट हुआ मतभेद
इस तरह बुमराह के बयान और चयन समिति के आधिकारिक बयान में साफ मतभेद नज़र आता है। जहां अगरकर का दावा है कि बुमराह को कप्तानी से अलग रखने का फैसला बोर्ड का था, वहीं बुमराह खुद कह रहे हैं कि यह निर्णय उन्होंने टीम हित में स्वयं लिया था।
इस पूरे घटनाक्रम ने क्रिकेट प्रशंसकों के बीच चर्चाओं का दौर तेज़ कर दिया है और अब सभी की निगाहें BCCI की अगली प्रतिक्रिया पर टिकी हैं।