डीएलएफ के विरुद्ध कैपिटल ग्रीन, मोतीनगर निवासी विरोध मार्च निकालने को मजबूर

चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: अच्छी ज़िंदगी जीने की चाहत में लोग डीएलएफ़ जैसे नामी बिल्डर बिल्डर से महँगे दाम में अपार्टमेंट ख़रीदते हैं और महँगा मेंटेनेंस चार्ज देते हैं। लेकिन जब डीएलएफ़ नामी बिल्डर भी अपने ख़रीददारों के साथ सौतेला व्यवहार करें तो छोटे बिल्डरों की कौन कहे! डीएलएफ़ के अन्यायपूर्ण रवैये से ख़ासा परेशान हैं कैपिटल ग्रीन्स दिल्ली के हज़ारों निवासी।
निवासियों का कहना है कि डीएलएफ़ ने जलबोर्ड का पूरा पानी दिए बिना ही फ़्लैट का पजेशन दे दिया। नतीजन निवासी पांच करोड़ रुपए सालाना खर्च कर टैंकर का पानी पीने को मज़बूर हैं जिसके कारण लोग स्वास्थ्य समस्याओं के शिकार हो रहे हैं।
हाल तो यह है कि हाल में जल बोर्ड ने 6″ की लाईन के बजाय 12″ लाइन से पानी देना शुरू किया पर निवासियों का कहना है कि इसमें सेंध लगा कर डीएलएफ ने इसी लाइन से 6″ की पानी की लाईन मिड टाउन 1 नाम के नये अलग रिहायशी प्रोजेक्ट में डाल दी जबकि इसके लिए अलग पानी का कनेक्शन लेना चाहिए। ऊपर से चकाचक दिखाकर डीएलएफ़ फ़्लैट बेच लेता है और बाद की समस्याओं को लेकर निवासी परेशान रहते हैं।
निवासियों को ग़ुस्सा है कि डीएलएफ़ मेंटेनेंस चार्ज बढ़ाते जा रहा है और बुनियादी सुविधाओं की हालत बद से बदतर होती जा रही है। तीसमंज़िला टावरों में लिफ़्टों की हालत ख़तरनाक हो चुकी है जबकि लिफ़्ट ही लाइफ़लाइन हैं। माँगने पर भी डीएलएफ़ किसी ख़र्चे का पूरा पारदर्शिता से हिसाब नहीं देता और मेंटेनेंस के नाम पर मोटी कमाई कर है। बुनियादी सुविधाओं यानि कि इंफ्रास्ट्रक्चर पर लागत बिल्डर वहन करता है, लेकिन डीएलएफ़ ने उसे भी निवासियों पर ही डाल दिया है। ऐसी कई गंभीर समस्याएँ हैं जिनके लिए निवासी चाहते हैं कि डीएलएफ़ उनके साथ मीटिंग करे और उनकी परेशानियों का हल निकाले। लेकिन डीएलएफ़ का जोर मिडटाउन वन प्रोजेक्ट से पैसा उगाही पर है। वह निवासियों से टेबल पर बात ही नहीं करना चाहते। पिछले कई महीनों से डीएलएफ़-CG के निवासी काफ़ी परेशान हैं और रोज़ धरने पर बैठते हैं।
इसी क्रम में CG निवासी दिनांक 22 सितंबर (रविवार), 2024 को तीन बजे कैपिटल ग्रीन में सविनय विरोध मार्च करेंगे ताकि डीएलएफ़ को कुछ तो शर्म आए। CG के निवासी का मीडिया के बंधुओं से आग्रह हैं कि वे इस विरोध मार्च को कवर कर हमारी मदद करें।