3006 दिन बाद टीम इंडिया में वापसी, लेकिन करुण नायर की कहानी अधूरी लगने लगी है

चिरौरी न्यूज

नई दिल्ली: Return to Team India after 3006 days, but Karun Nair's story seems incompleteक्रिकेट की दुनिया में बहुत कम कहानियाँ उतनी फिल्मी होती हैं, जितनी करुण नायर की वापसी रही। घरेलू सर्किट में शानदार प्रदर्शन कर उन्होंने 3006 दिनों बाद भारतीय टेस्ट टीम में वापसी की। यह एक असली ‘सिंड्रेला स्टोरी’ थी — लेकिन अब यह कहानी एक अधूरे अध्याय की तरह लगने लगी है।

घरेलू क्रिकेट में धमाकेदार वापसी

करुण ने 2024–25 रणजी ट्रॉफी में विदर्भ की खिताबी जीत में अहम भूमिका निभाई, जहाँ उन्होंने 863 रन बनाए, जिसमें चार शतक और दो अर्धशतक शामिल थे। इसके बाद विजय हज़ारे ट्रॉफी में उन्होंने तो कमाल ही कर दिया — सिर्फ 8 पारियों में 779 रन, औसत 389.50, स्ट्राइक रेट 124.04, और पाँच शतक। उन्होंने सिर्फ चयनकर्ताओं के दरवाज़े पर दस्तक नहीं दी, बल्कि दरवाज़ा ही तोड़ डाला।

फिर आया आईपीएल और इंग्लैंड दौरा — जहाँ उन्होंने इंग्लैंड लायंस के खिलाफ दोहरा शतक जमाकर एक बार फिर अपनी दावेदारी मजबूत की। इसके बाद उन्हें टेस्ट टीम में जगह मिली।

टेस्ट में मौका मिला, लेकिन प्रदर्शन फीका

लेकिन करुण की वापसी वैसी नहीं रही जैसी उन्होंने या उनके चाहनेवालों ने उम्मीद की थी।

  • पहले टेस्ट में: चार गेंदों पर शून्य, फिर 20 रन (54 गेंदों पर)

  • एजबेस्टन टेस्ट में: 31 और 26 रन, दोनों पारियों में शुरुआत अच्छी लेकिन बड़ी पारी नहीं

  • लॉर्ड्स टेस्ट: जब भारत संकट में था, करुण ने 40 रन बनाए, लेकिन एक बार फिर जो रूट की शानदार कैच ने उनकी पारी का अंत किया।

अब तक करुण ने इस सीरीज में 5 पारियों में 117 रन बनाए हैं, जबकि उन्हीं के समकक्ष शुभमन गिल ने 601 रन बना डाले हैं।

“गेंद खराब नहीं थी, लेकिन आउट हो गए” — पुजारा

चेतेश्वर पुजारा, जो खुद भारतीय क्रिकेट में मानसिक और तकनीकी दृढ़ता के लिए जाने जाते हैं, ने करुण की तकनीकी खामियों की ओर इशारा किया।

“वो हर बार मुश्किल फेज़ निकाल लेते हैं, लेकिन फिर आउट हो जाते हैं। उन्हें ज़्यादा मानसिक मजबूती दिखानी होगी। वो क्रीज़ पर अटक जा रहे हैं, बैकफुट मूवमेंट की कमी से गलती कर रहे हैं।”

पुजारा ने कहा कि 50 का आंकड़ा पार करने के बाद बल्लेबाज मानसिक रूप से ज्यादा सहज हो जाता है, लेकिन करुण वहां तक पहुंच ही नहीं पा रहे।

प्रतिस्पर्धा तेज हो गई है

करुण पर अब तीन खिलाड़ियों का दबाव है:

  1. साई सुदर्शन, जो पहले टेस्ट में अच्छा खेले थे

  2. अभिमन्यु ईश्वरन, जो लंबे समय से मौके की तलाश में हैं

  3. ध्रुव जुरेल, जिन्होंने इंग्लैंड लायंस के खिलाफ शानदार प्रदर्शन किया

पुजारा ने साफ कहा है कि अगर करुण अगली पारी में फेल होते हैं, तो टीम मैनेजमेंट को बदलाव पर विचार करना पड़ेगा।

“अगर वह अगली पारी में रन नहीं बनाते हैं, तो फिर साई सुदर्शन को मौका मिल सकता है। छह पारियां किसी भी बल्लेबाज को खुद को साबित करने के लिए काफी होती हैं।”

क्या यह अंत है या नई शुरुआत की दस्तक?

फिल्मों में ऐसे किरदारों को अंत में जीत मिलती है। वो आखिरी बॉल पर चौका लगाते हैं, शतक बनाते हैं, और स्टेडियम तालियों से गूंज उठता है। लेकिन करुण नायर की कहानी अभी उस मुकाम तक नहीं पहुंची है।

क्या करुण वापसी करेंगे और अपनी कहानी को ‘फेयरटेल एंडिंग’ देंगे, या यह वापसी उनकी आखिरी दस्तक बन जाएगी? इसका जवाब शायद अगली पारी में मिल जाएगा।

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