राइजिंग नॉर्थईस्ट समिट में 4.3 लाख करोड़ का निवेश आकर्षित, पूर्वोत्तर बनेगा भारत की प्रगति का इंजन: ज्योतिरादित्य सिंधिया
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास (DoNER) मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शनिवार को ‘राइजिंग नॉर्थईस्ट इन्वेस्टर्स समिट’ में बड़ी घोषणा करते हुए बताया कि इस समिट में 4.3 लाख करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित किया गया है। उन्होंने कहा कि यह निवेश पूर्वोत्तर भारत को सशक्त बनाने और उसे देश की प्रगति का सच्चा इंजन बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण शुरुआत है।
सिंधिया ने समिट को संबोधित करते हुए कहा, “अब NER का मतलब बदल गया है। यह ‘न्यू इकनॉमिक रिवॉल्यूशन ऑफ इंडिया’, ‘न्यू इकनॉमिक रिवाइवल ऑफ इंडिया’ बन चुका है।”
उन्होंने बताया कि समिट में 80 देशों के प्रतिनिधिमंडलों ने भाग लिया, और जो निवेश सामने आया है, उसमें ‘एडवांटेज असम 2.0’ का आंकड़ा शामिल नहीं है।
मंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता के 60 वर्षों तक यह क्षेत्र उपेक्षित रहा, लेकिन 25 साल पहले पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने यह स्पष्ट किया था कि भारत का नया उत्थान पूर्वोत्तर से ही होगा।
उन्होंने याद करते हुए कहा, “2000 में शिलॉन्ग में एक वैश्विक सम्मेलन में वाजपेयी जी ने जो बीज बोया था, वह आज मोदी जी के नेतृत्व में वटवृक्ष बन चुका है, और ‘राइजिंग नॉर्थईस्ट’ उसी वटवृक्ष का एक फल है।”
सिंधिया ने बताया कि 2014 से अब तक मोदी सरकार के मंत्रियों ने 730 बार इस क्षेत्र का दौरा किया है, जो सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
उन्होंने पूर्वोत्तर की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्ता को रेखांकित करते हुए कहा, “पूर्वोत्तर भारत न केवल विविधता और संसाधनों का भंडार है, बल्कि यह व्यापार, संस्कृति, संगीत, परंपरा और धर्म का पुराना केंद्र रहा है।”
पूर्वोत्तर की साढ़े चार करोड़ जनसंख्या के लिए यह क्षेत्र छाया, अवसर और सुरक्षा देने के साथ-साथ आगामी 25 वर्षों में भारत की आर्थिक वृद्धि का इंजन बनने की क्षमता रखता है।
सिंधिया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस क्षेत्र से गहरे भावनात्मक रूप से जुड़े हुए हैं और उन्होंने पूर्वोत्तर को भारत की आर्थिक शक्ति बनाने का संकल्प लिया है। उन्होंने विश्वास जताया कि भारत आने वाले समय में ‘नक्षत्र’ की तरह वैश्विक मंच पर चमकेगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को इस समिट का उद्घाटन किया था, जो देश के पूर्वोत्तर हिस्से को वैश्विक निवेश का केंद्र बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है।