RSS पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया

चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने स्पष्ट किया है कि राज्य सरकार ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया है। उन्होंने कहा कि स्कूल और कॉलेज परिसरों में गतिविधियों के लिए अनुमति लेने संबंधी जो आदेश जारी किया गया है, उसमें कहीं भी RSS का नाम विशेष रूप से नहीं लिया गया है।
पुत्तूर में मीडिया से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, “यह आदेश ‘किसी भी संगठन या संघ’ के लिए है, न कि केवल RSS के लिए। हमने सिर्फ वही आदेश दोहराया है जो पहले भाजपा सरकार के समय में जारी किया गया था। जब उन्होंने ऐसा किया, तो हम क्यों नहीं कर सकते?”
मुख्यमंत्री ने बताया कि 2013 में जब जगदीश शेट्टार मुख्यमंत्री थे, तब स्कूल और कॉलेज परिसरों में संगठनों की गतिविधियों पर रोक लगाने का आदेश जारी हुआ था। अब शेट्टार कह रहे हैं कि यह आदेश शिक्षा विभाग ने दिया था, न कि उन्होंने। लेकिन यह आदेश उन्हीं के कार्यकाल में जारी किया गया था।
सिद्धारमैया ने कहा कि संगठनों को अनुमति देना या न देना परिस्थिति और कानून-व्यवस्था की स्थिति पर निर्भर करता है। यह आवश्यक नहीं कि हमेशा अनुमति दी ही जाए।
बाद में ‘अशोक जनमाना 2025’ कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज के वंचित वर्गों को अपनी आय का एक हिस्सा देना एक पुण्य का कार्य है। उन्होंने कहा, “हमारे देश में विविधता में एकता होनी चाहिए। यह सभी समुदायों के लिए एक शांतिपूर्ण बग़ीचा बनना चाहिए। आंतरिक झगड़े और असमानता वाला समाज नहीं बनना चाहिए।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि धार्मिक सहिष्णुता जरूरी है और सहअस्तित्व से ही संविधान के उद्देश्यों की पूर्ति होगी।
उन्होंने आरोप लगाया कि जो लोग दंगे भड़काते हैं, वे अपने बच्चों को कभी सामने नहीं भेजते। “वे गरीब और निर्दोष बच्चों को आगे भेजते हैं। अब हमने कुशल अधिकारियों की नियुक्ति की है। क्या अब स्थिति में सुधार नहीं है?” उन्होंने सवाल किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में GST लागू किया गया था और बीते आठ वर्षों में कर प्रणाली के माध्यम से जनता से लूट की गई।
“अब सरकार GST घटाकर उसे दिवाली का तोहफ़ा बता रही है। GST में हुए बदलावों के कारण कर्नाटक को 15,000 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है,” उन्होंने कहा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी राज्य या जिले के विकास के लिए सांप्रदायिक सौहार्द आवश्यक है और मंगलुरु में इस पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए।
