ग्रामीण विकास ट्रस्ट एवं एसएमबीसी ने अनौपचारिक कचरा बीनने वाले 25 श्रमिकों को सुरक्षा किट, बीमा एवं ई-वेस्ट प्रबंधन प्रशिक्षण प्रदान किया
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: ग्रामीण विकास ट्रस्ट (GVT) ने सुमितोमो मित्सुई बैंकिंग कॉर्पोरेशन (SMBC) के सहयोग से कटवारिया सराय, दिल्ली में अनौपचारिक कचरा बीनने वाले श्रमिकों के सशक्तिकरण हेतु एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया। इस दौरान श्रमिकों को सुरक्षा किट, यूनिफॉर्म और बीमा कवरेज प्रदान किया गया।
ग्रामीण विकास ट्रस्ट द्वारा किया गया यह पहल दिल्ली-एनसीआर में ई-वेस्ट प्रबंधन से जुड़े फ्रंटलाइन श्रमिकों के सामाजिक सुरक्षा एवं सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
ई-वेस्ट प्रबंधन परियोजना, जिसे वर्ष 2023 के अंत में जी.वी.टी. द्वारा एसएमबीसी के सहयोग से शुरू किया गया था, जिसका उद्देश्य पृथ्वी को एक स्वच्छ एवं टिकाऊ ग्रह का निर्माण करना है। परियोजना का मुख्य फोकस ई-वेस्ट के प्रति जागरूकता बढ़ाना, संग्रहण, पृथक्करण एवं पुनर्चक्रण को व्यवस्थित करना और जिम्मेदार ई-वेस्ट प्रबंधन के लिए पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करना है। अब तक इस परियोजना के तहत 600 किलोग्राम से अधिक ई-वेस्ट का सफलतापूर्वक संग्रहण एवं पुनर्चक्रण किया जा चुका है।
वर्तमान में परियोजना के तृतीय चरण के अंतर्गत 25 अनौपचारिक श्रमिकों को सुरक्षा किट, ऑल-सीजन यूनिफॉर्म और बीमा कवरेज प्रदान किया गया है, जिससे उनके स्वास्थ्य, गरिमा एवं आजीविका की रक्षा हो सके। इन श्रमिकों का चयन उनकी सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति के आधार पर नगर निगम दिल्ली (MCD) के सहयोग से स्क्रीनिंग प्रक्रिया द्वारा किया गया। इससे पूर्व, इन्हीं श्रमिकों को परियोजना के अंतर्गत ई-वेस्ट को सुरक्षित एवं प्रभावी ढंग से संभालने एवं प्रबंधित करने हेतु प्रशिक्षित भी किया गया था।
सत्र के दौरान व्यावहारिक प्रदर्शन और सुरक्षा सामग्री का वितरण किया गया, जिससे परियोजना की यह प्रतिबद्धता और सुदृढ़ हुई कि एक सुरक्षित, प्रशिक्षित एवं सशक्त कार्यबल ही सतत कचरा प्रबंधन की नींव रख सकता है।
इस अवसर पर प्रमुख अतिथियों में श्री राजीव चौधरी (एमसीडी वार्ड पार्षद), श्री विजेंद्र नाथ (एमसीडी सैनिटरी इंस्पेक्टर), सुश्री सोनाक्षी श्री एवं श्री अनिल कुमार (ग्रामीण विकास ट्रस्ट) उपस्थित रहे।
अतिथियों ने इस पहल की सराहना की और सतत कचरा प्रबंधन की आवश्यकता पर जोर दिया ताकि पर्यावरणीय संतुलन और सामाजिक कल्याण सुनिश्चित हो सके।
कार्यक्रम का समापन श्रमिकों के साथ एक इंटरैक्टिव फीडबैक सत्र एवं समूह फोटोग्राफ के साथ हुआ। यह आयोजन न केवल जिम्मेदार ई-वेस्ट प्रबंधन को आगे बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा, बल्कि इसने फ्रंटलाइन श्रमिकों को सशक्त बनाने और एक समावेशी, सक्षम एवं पर्यावरण-सचेत पारिस्थितिकी तंत्र बनाने की सामूहिक दृष्टि को भी मजबूत किया जा सकेगा।