सलमा हायेक ने बताया अपनी सबसे बड़ी उपलब्धि, ‘बच्चों को आत्मनिर्भर बनते देखना है सबसे बड़ा गर्व’

Salma Hayek told her biggest achievement, 'The biggest pride is to see children becoming self-reliant'चिरौरी न्यूज

नई दिल्ली: हॉलीवुड अभिनेत्री सलमा हायेक ने हाल ही में अपने जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि का खुलासा किया है। 58 वर्षीय अभिनेत्री का कहना है कि अपने बच्चों को बड़ा होते और आत्मनिर्भर बनते देखना उनके लिए सबसे गर्व की बात है।

सलमा ने अपनी 18 वर्षीय बेटी वेलेंटीना की परवरिश अपने पति और केयरिंग ग्रुप के सीईओ फ्रांस्वा-हेनरी पिनॉल्ट के साथ मिलकर की है। इसके अलावा वह पिनॉल्ट की पूर्व रिश्तों से हुए तीन बच्चों — फ्रांस्वा, मैथिल्डे और ऑगस्टिन — की भी सौतेली मां हैं।

फ्रांस्वा और मैथिल्डे की मां डोरोथी लेपरे हैं, जो पिनॉल्ट की पहली पत्नी थीं, जबकि ऑगस्टिन की मां सुपरमॉडल लिंडा एवेंजेलिस्टा हैं।

‘फीमेल फर्स्ट यूके’ की रिपोर्ट के अनुसार, सलमा ने बताया कि उन्होंने अपने करियर में कई बड़े रोल सिर्फ इसलिए ठुकराए ताकि वह एक समर्पित और उपस्थित मां बन सकें। उन्होंने कहा कि उन्होंने हमेशा अपने परिवार को प्राथमिकता दी है, और अब जब उनके सभी बच्चे आत्मनिर्भर हो चुके हैं, तो वह खुद को संतुष्ट महसूस करती हैं।

इतालवी पत्रिका ‘IO Donna’ से बातचीत में सलमा ने कहा, “सिर्फ वेलेंटीना ही नहीं, मेरे सभी बच्चे अब आत्मनिर्भर हो चुके हैं और मैं इससे खुश हूं। मैंने इसमें बहुत समय लगाया है। मेरा परिवार हमेशा मेरी प्राथमिकता रहा है। मेरे करियर को देखिए, पिछले 18 सालों में मैंने उन्हीं फिल्मों को चुना जिनकी शूटिंग गर्मियों में और ज्यादातर यूरोप में होती थी। मुझे किसी चीज का बलिदान नहीं देना पड़ा, बस खुद को बेहतर ढंग से संगठित करना पड़ा।”

अब जब उनकी बेटी 18 वर्ष की हो गई है, तो सलमा अपने काम पर ज्यादा ध्यान दे पा रही हैं। वह अपनी स्वतंत्र प्रोडक्शन कंपनी ‘वेंटनारोसा’ के माध्यम से लैटिन दर्शकों के लिए नई फिल्में और शो बनाने को लेकर बेहद उत्साहित हैं। यह वही कंपनी है जिसने हिट सीरीज़ ‘अग्ली बेट्टी’ बनाई थी।

उन्होंने आगे कहा, “मुझे पता है कि अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। मुझे इस बात का यकीन है कि हर कहानी जो मैं कहती हूं, हर प्रोजेक्ट जिसे मैं साकार करती हूं, वह किसी न किसी के लिए मायने रखता है। मुझे इस बात में रुचि नहीं है कि लोग जानें मैं दूसरों के लिए क्या करती हूं, मुझे केवल उसे करने में रुचि है। बदलाव को प्रचार की नहीं, कार्रवाई की ज़रूरत होती है — यही सिद्धांत हमेशा मेरी जिंदगी को दिशा देता है। मैं सचमुच दिन-रात काम करती हूं।”

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