शर्मिष्ठा मुखर्जी ने राहुल गांधी पर कसा तंज: ‘संघी कहने वाले नेता को मोदी से गले मिलने पर जवाब दें’
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने सोमवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी के समर्थकों और अपने भाई अभिजीत मुखर्जी पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। यह प्रतिक्रिया शर्मिष्ठा द्वारा यह आरोप लगाने के बाद आई कि उनके पिता के निधन के बाद कांग्रेस कार्य समिति (CWC) की कोई बैठक नहीं बुलाई गई थी।
शर्मिष्ठा मुखर्जी ने राहुल गांधी के समर्थकों को चुनौती दी, जो पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को उनके नागपुर स्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) कार्यालय के दौरे के कारण “संगही” कहते थे। उन्होंने कहा कि, “राहुल गांधी के भक्त-चेलों, जो मेरे पिता को ‘संगही’ कहते हैं, मैं उन्हें चुनौती देती हूं कि वे अपने नेता से यह पूछें कि 2018 में संसद में नरेंद्र मोदी को गले क्यों लगाया था, जिन्हें उनकी मां ने ‘मौत का सौदागर’ कहा था। उनके उलटे तर्कों के अनुसार, राहुल गांधी को तो मोदी का सहयोगी माना जाना चाहिए।”
इसके बाद, शर्मिष्ठा ने एक और पोस्ट में लिखा, “Rahul Gandhi को शुभकामनाएं कांग्रेस को इस गिरे हुए और चापलूसों के झुंड के साथ पुनर्जीवित करने के लिए! अब जाओ और अपने ‘नफरत की दुकानदरों’ को मुझ पर छोड़ दो, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता!”
शर्मिष्ठा ने अपने भाई अभिजीत मुखर्जी पर भी निशाना साधा, जिन्होंने पहले कहा था कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर कोई विवाद नहीं होना चाहिए। अभिजीत मुखर्जी का यह बयान शर्मिष्ठा के उस आरोप के बाद आया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि प्रणब मुखर्जी के निधन के बाद कांग्रेस कार्य समिति की बैठक नहीं बुलाई गई थी।
अभिजीत मुखर्जी ने कहा, “मनमोहन सिंह के निधन पर किसी भी तरह का विवाद नहीं होना चाहिए। वह एक महान अर्थशास्त्री थे और उनके बारे में जितनी भी तारीफ की जाए, कम है। उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था को संकट से उबारा और इसकी नींव रखी।”
उन्होंने आगे कहा, “मेरे पिता की भाषा में वह एक ‘परफेक्ट जेंटलमैन’ थे। मैंने कभी उन्हें गुस्से में नहीं देखा। जब भी उनसे मिला, वह मुस्कुराते हुए मिले, एक शांतिपूर्ण व्यक्तित्व और एक पिता के समान थे।”
अभिजीत ने अपनी बहन शर्मिष्ठा के आरोप का जवाब देते हुए कहा कि कोविड-19 के दौरान उनके पिता के निधन के समय कई प्रतिबंध थे, जिसके कारण लोग एकत्र नहीं हो सके। उन्होंने कहा, “कोविड-19 के कारण केवल 20 परिवार और मित्र ही उपस्थित थे। कांग्रेस चाहती थी कि एक रैली निकाली जाए, लेकिन कोविड के कारण यह संभव नहीं था। हालांकि राहुल गांधी, पीएम मोदी और अन्य वरिष्ठ नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।”
शर्मिष्ठा ने अपने भाई के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी और कहा, “शर्म उस व्यक्ति पर है, जो कुछ छोटे लाभ के लिए उस पार्टी में शामिल होने के लिए तैयार है, जिसके समर्थक दिन-प्रतिदिन मेरे पिता को घिनौने तरीके से गाली देते हैं। वह सच में ‘डेंटेड-पेंटेड’ हैं।”
शर्मिष्ठा का यह बयान उनके भाई अभिजीत द्वारा 2012 में निर्भया गैंगरेप मामले के खिलाफ प्रदर्शनकारियों के बारे में की गई “डेंटेड और पेंटेड” टिप्पणी के संदर्भ में था, जिसने व्यापक विवाद खड़ा कर दिया था।