भारत की वैश्विक कूटनीतिक पहल पर शशि थरूर की प्रतिक्रिया: “राष्ट्र की सेवा का अवसर पाकर आभारी हूं”
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद एक्स (पूर्व ट्विटर) पर अपने विचार साझा करते हुए बहुपक्षीय सांसद प्रतिनिधिमंडल की कूटनीतिक यात्रा पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने पीएम मोदी के पोस्ट को रीपोस्ट करते हुए लिखा, “राष्ट्र की सेवा करने का अवसर पाकर हम सभी आभारी हैं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी। जय हिंद।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 7 लोक कल्याण मार्ग स्थित अपने आधिकारिक निवास पर उन सांसदों और प्रतिनिधियों से मुलाकात की, जो हाल ही में विभिन्न देशों में भारत का प्रतिनिधित्व कर लौटे हैं।
शशि थरूर ने इससे पहले #TharoorSoulOfIndia टैग के साथ साझा पोस्ट में प्रतिनिधिमंडल की विविधता को रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि इस प्रतिनिधिमंडल में सात सांसद थे, जो पाँच राजनीतिक दलों और आठ राज्यों से थे। इसके अतिरिक्त, दो राजदूत (एक वर्तमान और एक पूर्व) भी शामिल थे, जिन्होंने वाशिंगटन में सेवा दी थी।
थरूर ने इस विविधता को हालिया पहलगाम आतंकी हमले के संदर्भ में विशेष रूप से महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने उस भयावह घटना को याद किया जिसमें आतंकियों ने पीड़ितों को धर्म के आधार पर चुनकर निशाना बनाया। उन्होंने बताया कि एक महिला ने अपने पति की निर्मम हत्या के बाद खुद को भी मार डालने की गुहार लगाई, लेकिन आतंकियों ने उसे यह कहकर छोड़ दिया कि वह जाकर दूसरों को यह सब बताए।
एनसीपी नेता सुप्रिया सुले ने प्रधानमंत्री के भरोसे के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह भारत की आतंकवाद के खिलाफ मजबूत नीति और एकता व अखंडता के संदेश को वैश्विक मंच पर पहुंचाने की जिम्मेदारी थी।
शिवसेना सांसद डॉ. श्रीकांत शिंदे ने यूएई, कांगो, सिएरा लियोन और लाइबेरिया में अपने कूटनीतिक प्रयासों का जिक्र करते हुए बताया कि इन देशों ने भारत की आतंकवाद विरोधी नीति और वैश्विक शांति के प्रति प्रतिबद्धता का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने उनके प्रयासों की सराहना की और भारत की वैश्विक भूमिका को लेकर अपना विजन साझा किया।
डॉ. शिंदे ने बताया कि प्रतिनिधिमंडल ने भारत की “जीरो टॉलरेंस” नीति को सफलतापूर्वक प्रस्तुत किया, जिसे भारतीय प्रवासियों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय दोनों से समर्थन मिला।
यह बैठक “ऑपरेशन सिंदूर” के बाद भारत की सक्रिय वैश्विक भूमिका को दर्शाती है, जो 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में पाकिस्तान और पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर में आतंकवादियों के ठिकानों पर किए गए सटीक हमलों का हिस्सा थी।
इस रणनीति के तहत सात प्रतिनिधिमंडल 33 देशों में भेजे गए थे, जहां उन्होंने भारत की आतंकवाद विरोधी नीति को बढ़ावा दिया और पाकिस्तान के आतंकवादी समूहों के समर्थन को उजागर किया।
इस प्रयास में भाजपा, जद(यू), शिवसेना, कांग्रेस, डीएमके, एनसीपी (शरद पवार गुट) और एआईएमआईएम जैसे विभिन्न दलों के सांसद शामिल थे। वरिष्ठ नेताओं में पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आज़ाद और सलमान खुर्शीद जैसे नाम भी शामिल रहे।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने इस प्रतिनिधिमंडल के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे संवाद भारत की साख बढ़ाने और वैश्विक मंच पर गलत सूचनाओं का मुकाबला करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
इन कूटनीतिक यात्राओं से मिली जानकारी भारत की दीर्घकालिक आतंकवाद विरोधी रणनीतियों और वैश्विक सुरक्षा सहयोग में अहम भूमिका निभाएगी।