शशि थरूर ने लाहौर थिंक फेस्ट में कहा, भारत में होता है मुस्लिमों के साथ भेदभाव

Shashi Tharoor's response to Trump's claim of 'preventing nuclear war': "India does not need to be persuaded, we do not want war"चिरौरी न्यूज़

नई दिल्ली: कांग्रेस के सांसद शशि थरूर ने एक बार फिर भारत को लेकर विवादस्पद बयान दिया है। उन्होंने लाहोर थिंक फेस्ट नाम के कार्यक्रम में कहा है कि भारत में मुस्लिमों के साथ भेदभाव किया जाता है। इसका उदहारण उन्होंने कोरोना के समय तबलीगी जमात के बहाने मुस्लिमों को निशाना बनाए जाने की बात कह कर दी।

‘लाहौर थिंक फेस्ट’ कार्यक्रम में शशि थरूर ऑनलाइन जुड़े थे और इसी कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान भारत में मुस्लिमों के साथ भेदभाव बढ़ा है।

शशि थरूर ने कहा कि मुस्लिमों के साथ भेदभाव वैसा ही है जैसे पूरे विश्व में चीनी लोगों के साथ। उन्होंने कहा कि चीनी लोगों या उनके जैसे दिखने वाले लोगों के साथ पश्चिमी देशों में जगह जगह भेदभाव होता है सिर्फ इसलिए कि वो चीनी लोगों जैसे दिखते हैं।”

उन्होंने कहा कि, ”ये भेदभाव कोरोना महामारी के दौरान भी देखा गया। जब तब्लीगी जमात का मुद्दा उठा। पहले लॉकडाउन से ठीक पहले तब्लीगी जमात के लोग जमा हुए थे और ये लोग जब अपने राज्यों में लौटे तो कोरोना का संक्रमण बढ़ा। इस घटना को भारत के मुसलमानों के खिलाफ भेदभाव को सही ठहराने के लिए इस्तेमाल किया गया।”

ये पहली बार नहीं हुआ है कि कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने विवादित बयान दिया है। इस से पहले भी वह कई बार इस तरह की बातें बोल चुके हैं। जुलाई 2018 – 2019 में उन्होंने कहा था कि मोदी के दोबारा सत्ता में आने पर देश ‘हिंदू पाकिस्तान’ बन जाएगा। 28 अक्टूबर 2018 को उन्होंने पीएम मोदी को लेकर विवादित बयान दिया था जिसमें उन्होंने मोदी की तुलना शिवलिंग पर बैठे बिच्छू से की थी। उन्होंने कहा था कि, “मोदी शिवलिंग पर बैठे बिच्छू की तरह हैं, जिसे न तो हाथ से हटाया जा सकता है और न चप्पल से मारा जा सकता है।”

बता दें कि शशि थरूर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, साहित्यकार और पूर्व राजनयिक हैं तथा वह केरल के तिरुवनंतपुरम से लगतार तीसरी बार कांग्रेस के सांसद चुने गए हैं।

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