श्री कृष्ण जन्मभूमि विवाद: “शाही ईदगाह की संरचना में हिंदू धर्म प्रतीक चिन्हों की उपस्थित मंदिर का वैध प्रमाण”
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: इलाहाबाद उच्च न्यायालय में श्री कृष्ण जन्मभूमि विवाद में भगवान श्री कृष्ण विराजमान के प्रतिनिधि श्री कौशल किशोर ठाकुर जी महाराज की अधिवक्ता रीना एन सिंह ने यह कहा की सूट नंबर 7 में उन्होंने पहले ही उल्लेख किया है कि शाही ईदगाह में हिन्दू धार्मिक चिन्ह और प्रतीक की उपस्थिति है।
उन्होंने कहा कि मस्जिद की संरचना जो मूल रूप से हिंदू मंदिर की थी इसमें कमल, स्वस्तिक, ओम आदि हिंदू धर्म के चिन्ह स्पष्ट रूप से दीवारों एवं स्तम्भों पर अंकित है जिन्हें परिवर्तित कर छिपाया एवं खंडित किया गया है तथा सनातन धर्म में पूजनीय देवी देवताओ की मूर्तियों की तस्वीरें भी मस्जिद की दीवारों एवं स्तंभो पर अंकित है।
रीना एन सिंह ने माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष यह भी उल्लेख किया है कि वर्तमान में मस्जिद एक अष्टभुजा चबूतरे पर खड़ी है, जो कि मंदिर होने का एक वैध प्रमाण है।
चतुर्भुज आकर का सम्पूर्ण विश्व में किसी भी मस्जिद से कोई सम्बन्ध नहीं है, चतुर्भुज चबूतरा जो एक हिंदू मंदिर की वास्तुकला का निर्णायक प्रमाण है।
भगवान श्री कृष्ण विराजमान के प्रतिनिधि कथावाचक संत श्री कौशल किशोर ठाकुर जी महाराज ने अपनी याचिका में प्रार्थना की है कि शाही ईदगाह मस्जिद मूल रूप से मंदिर था। याचिका में अनुरोध किया है कि ईदगाह के साथ-साथ 13. 37 एकड़ भूमि, जिस पर शाही ईदगाह का कब्ज़ा है वह मूल रूप से कृष्ण जन्मस्थान है तथा इसे भगवान श्री कृष्ण विराजमान को वापस सौंप दिया जाये। इस मामले में सुनवाई की अगली तारीख 16 नवंबर 2023 है।