शुभमन गिल ने कमिंस के ‘बाउंसर बॅरेज’ को नजरअंदाज करते हुए दिया करारा जवाब

चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: भारतीय ओपनर शुभमन गिल ने ऑस्ट्रेलियाई कप्तान पैट कमिंस के ‘बाउंसर बॅरेज’ की धमकी को नकारते हुए आत्मविश्वास से भरे तरीके से प्रतिक्रिया दी। गिल ने कमिंस की रणनीति पर चुटकी लेते हुए कहा, “एक विकेट के अलावा, उसने सिर्फ टेलेंडर्स के खिलाफ ही शॉर्ट बॉल से सफलता पाई है। तो, मुझे नहीं पता वो किस शॉर्ट-बॉल प्लान की बात कर रहे हैं,” गिल ने मुस्कराते हुए रिपोर्टर्स से कहा।
गौरतलब है कि कमिंस ने तीसरे टेस्ट से पहले ‘बाउंसर बॅरेज’ रणनीति को जारी रखने के संकेत दिए थे, जो एडिलेड में पिंक-बॉल टेस्ट के दौरान सफल रही थी। गब्बा में तीसरे टेस्ट से पहले कमिंस ने कहा, “यह एडिलेड टेस्ट में काम आया था। यह हमेशा आपके दिमाग में बैकअप योजना के रूप में रहता है, या अगर यह बल्लेबाजों के लिए असहज लगता है और विकेट लेने की संभावना होती है, तो यह कुछ बल्लेबाजों के लिए योजना A बन सकता है।”
एडिलेड में कमिंस ने दूसरी पारी में पांच विकेट चटकाए थे, जबकि मिशेल स्टार्क ने पहली पारी में छह विकेट लेकर भारतीय बल्लेबाजी को ध्वस्त कर दिया था। इससे ऑस्ट्रेलिया ने सीरीज 1-1 से बराबरी पर ला दी थी।
गिल ने ऑस्ट्रेलिया में लंबी टेस्ट सीरीज खेलने के मानसिक चुनौतियों को भी स्वीकार किया, लेकिन अपने खेल पर भरोसा जताया। उन्होंने कहा, “जब तक मैं बैटिंग कर रहा था, मुझे अच्छा महसूस हो रहा था। पहले इंनिंग्स में मैंने जो हो रहा था, उससे प्रभावित होकर एक फुल बॉल मिस कर दिया। दूसरी पारी में मैं पिंक बॉल को हाथ से नहीं पहचान पा रहा था, इसलिए आउट हो गया।”
उन्होंने आगे कहा, “मैं काफी आत्मविश्वास महसूस कर रहा था। मुझे लगता है कि मुझे खेलने की पूरी आज़ादी है (जैसा कि पिछली बार था)। पिछले मैच की पहली पारी में मैं 3-4 ओवर के लिए स्ट्राइक से बाहर हो गया था और फिर एक फुल बॉल मिस कर दिया। ये वो मानसिक चुनौतियां हैं, जो ऑस्ट्रेलिया में आपको मिलती हैं।”
भारत के नंबर 3 बल्लेबाज ने लंबी टेस्ट सीरीज की मांगों पर भी बात की, “यह चुनौतीपूर्ण होता है। एक गेंदबाज आपको पहले ही आउट कर चुका होता है, लेकिन बाद में फिर से उसी गेंदबाज का सामना करना होता है। आप उनके प्लान्स को जानते हैं, और यही मजा है।”
हालांकि ऑस्ट्रेलिया की शॉर्ट-बॉल रणनीति ने सफलता पाई है, गिल इसके बावजूद निर्भीक हैं और ऑस्ट्रेलिया में मानसिक मजबूती और अनुकूलता की अहमियत पर जोर देते हैं। उन्होंने कहा, “ऑस्ट्रेलिया हमारे ताकत और कमजोरियों को जानता है, और हम भी उन्हें जानते हैं। हम एक-दूसरे से अक्सर खेलते हैं, तो हम एक-दूसरे के प्लान्स से अवगत हैं।”
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी अब 1-1 से बराबरी पर है और गब्बा में होने वाला तीसरा टेस्ट हाई-ऑक्टेन क्रिकेट का वादा करता है। कमिंस जहां ब्रिसबेन में बाउंस का फायदा उठाकर बढ़त हासिल करने की कोशिश करेंगे, वहीं भारत एक मजबूत और संघर्षपूर्ण प्रदर्शन के साथ जवाब देने की कोशिश करेगा।