शुभमन गिल गवास्कर का रिकॉर्ड तोड़ने से चूके, लेकिन बना डाली नई मिसाल
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: लंदन के ओवल मैदान पर खेले गए टेस्ट सीरीज़ के निर्णायक मुकाबले में भले ही शुभमन गिल बल्ले से चमक नहीं बिखेर पाए, लेकिन उन्होंने अपने शानदार प्रदर्शन से भारतीय क्रिकेट इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ दिया। इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैचों की टेस्ट सीरीज़ में गिल ने कुल 754 रन बनाए, और इस दौरान उन्होंने कप्तान के रूप में बल्लेबाजी का नया मापदंड स्थापित कर दिया।
21 और 11 रन की पारी के साथ ओवल टेस्ट में गिल की सीरीज़ समाप्त हुई, और वे महज़ 21 रन से सुनील गवास्कर के 1970-71 में बनाए गए 774 रन के ऐतिहासिक रिकॉर्ड से चूक गए। तब गवास्कर ने वेस्टइंडीज के खिलाफ चार मैचों में यह कारनामा किया था और क्रिकेट जगत में तहलका मचा दिया था। लेकिन गवास्कर ने खुद गिल की इस उपलब्धि को अपने रिकॉर्ड से ऊपर बताया।
चायकाल के दौरान बात करते हुए ‘लिटिल मास्टर’ ने कहा, “मैं शुभमन गिल को ऊपर रखूंगा। उसने कप्तानी के दबाव के साथ रन बनाए हैं। जब मैं खेल रहा था, तब मैं टीम का सबसे छोटा सदस्य था, और अगर मैं विफल होता भी, तो कोई फर्क नहीं पड़ता। लेकिन गिल के कंधों पर एक पूरी टीम की जिम्मेदारी थी। इन 20 रनों को मत देखिए, उसके प्रभाव को देखिए।”
गिल ने न केवल गवास्कर के रिकॉर्ड के करीब पहुंचकर इतिहास रचा, बल्कि भारत के किसी भी कप्तान द्वारा एक टेस्ट सीरीज़ में सर्वाधिक रन बनाने का रिकॉर्ड भी अपने नाम कर लिया। इससे पहले यह उपलब्धि सुनील गवास्कर के नाम थी, जिन्होंने 1978-79 में वेस्टइंडीज के खिलाफ छह टेस्ट में 732 रन बनाए थे।
दुनिया भर के टेस्ट कप्तानों की बात करें तो गिल अब इस सूची में दूसरे नंबर पर आ गए हैं। उनसे ऊपर केवल डॉन ब्रैडमैन हैं, जिन्होंने 1936/37 की एशेज सीरीज़ में 810 रन बनाए थे। गिल ने ग्रैहम गूच (752) और खुद गवास्कर को पीछे छोड़ दिया।
शुभमन गिल की यह सीरीज़ न केवल उनके करियर के लिए, बल्कि भारतीय क्रिकेट के लिए भी प्रेरणास्रोत बन गई है। एक युवा कप्तान के रूप में, उन्होंने बल्ले से जो नेतृत्व दिखाया, वह आने वाले समय में भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाइयों तक ले जा सकता है।