एसजेवीएन ने नैटवाड़ मोरी जलविद्युत परियोजना की प्रथम यूनिट को राष्ट्रीय ग्रिड के साथ सिंक्रोनाईज किया

SJVN becomes first power sector PSU to receive Anti-Bribery Management System certificationचिरौरी न्यूज
शिमला: श्री नन्‍द लाल शर्मा, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक ने अवगत करवाया कि एसजेवीएन ने 60 मेगावाट की नैटवाड़ मोरी जलविद्युत परियोजना (एनएमएचईपी) की प्रथम यूनिट को राष्ट्रीय ग्रिड के साथ सफलतापूर्वक सिंक्रोनाइज़ कर लिया है। नैटवाड़ मोरी जलविद्युत परियोजना उत्तर भारत में उत्तराखंड राज्य के उत्तरकाशी जिले में यमुना नदी की एक प्रमुख सहायक नदी टोंस पर अवस्थित है।

श्री नन्‍द लाल शर्मा ने कहा कि माननीय केंद्रीय विद्युत मंत्री, श्री आर. के. सिंह एवं उत्तराखंड के पूर्व माननीय मुख्यमंत्री, श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने वर्ष 2018 में मोरी में एसजेवीएन की 60 मेगावाट नैटवाड़ मोरी जलविद्युत परियोजना की आधारशिला रखी थी।

श्री नन्‍द लाल शर्मा ने बताया कि नैटवाड़ मोरी जलविद्युत परियोजना 30 मेगावाट की दो उत्पादन यूनिटों वाली रन-ऑफ-द रिवर परियोजना है। परियोजना की दूसरी यूनिट भी इसी माह सिंक्रोनाईज होना निर्धारित है। इस परियोजना से प्रतिवर्ष 265.5 मिलियन यूनिट विद्युत का उत्‍पादन होगा। एसजेवीएन ने नैटवाड़ मोरी जलविद्युत परियोजना के बैनोल से स्नैल तक विद्युत की निकासी के लिए 37 कि.मी., 220 केवी ट्रांसमिशन लाइन का निर्माण किया है।

श्री नन्‍द लाल शर्मा ने परियोजना को कमीशनिंग चरण में लाने के लिए डिजाइन टीम और एनएमएचईपी में तैनात अधिकारियों एवं कर्मचारियों के प्रयासों की सराहना की और कहा कि यह महत्वपूर्ण उपलब्धि हमें उत्तराखंड की अपार जल विद्युत क्षमता के दोहन के एक कदम और करीब ले आई है।

परियोजना की कमीशनिंग पश्‍चात, उत्तराखंड राज्य को रॉयल्टी के रूप में 12% नि:शुल्‍क बिजली की आपूर्ति की जाएगी। इसके अलावा, प्रत्येक परियोजना प्रभावित परिवार को दस वर्षों तक प्रति माह 100 यूनिट बिजली की लागत के बराबर राशि प्रदान की जाएगी।

परियोजना बुनियादी ढांचे के विकास एवं प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष रोजगार के सृजन के साथ क्षेत्र के समग्र विकास के युग का आरंभ करेगी। कारपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व के अंतर्गत विभिन्न गतिविधियाँ जैसे सतलुज संजीवनी मोबाइल हेल्थ वैन, कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम, खेल और सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देना, बुनियादी ढांचागत कार्यों से स्थानीय जनसमूदाय लाभान्वित हो रहे हैं।

उत्‍कृष्‍ट प्रगति पथ पर चलते हुए, एसजेवीएन, एक अग्रणी पावर सीपीएसयू के रूप में भारत सरकार के ऊर्जा लक्ष्यों में योगदान करने के लिए तत्‍पर है। कंपनी ने वर्ष 2026 तक 12,000 मेगावाट का मिशन और वर्ष 2040 तक 50,000 मेगावाट की स्थापित क्षमता का साझा विजन निर्धारित किया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *