“छोटे मौके से ही बनती है जीत की राह”: ओवल टेस्ट में ऐतिहासिक जीत के बाद बोले कप्तान शुभमन गिल
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: भारत के कप्तान शुभमन गिल ने ओवल टेस्ट में छह रन से मिली सांसें रोक देने वाली जीत को टीम के “अटूट विश्वास” का नतीजा बताया और कहा कि उनकी टीम को यकीन था कि अगर कोई भी छोटा सा मौका उन्हें मिला, तो वे उससे जीत की राह बना सकते हैं। इंग्लैंड के खिलाफ एंडरसन-तेन्दुलकर ट्रॉफी में यह जीत भारत को 2-2 की बराबरी दिलाने में निर्णायक साबित हुई।
मैच के पांचवें दिन इंग्लैंड जब 374 रन के लक्ष्य का पीछा कर रही थी और जो रूट तथा हैरी ब्रूक ने शतक जड़ दिए थे, तब भारत की जीत की उम्मीदें क्षीण दिख रही थीं। लेकिन मोहम्मद सिराज ने 104 रन देकर पांच विकेट लेकर मैच का रुख मोड़ दिया। प्रसिद्ध कृष्णा ने भी अहम साझेदारी की और इंग्लैंड को 367 रन पर समेटकर भारत को रोमांचक जीत दिलाई।
गिल ने मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “आज सुबह जो हुआ, उसने इस टीम की पहचान को दर्शाया। 70 रन बाकी थे, सात विकेट इंग्लैंड के पास थे। जिस तरह रूट और ब्रूक खेल रहे थे, दुनिया की ज़्यादातर टीमें उम्मीद छोड़ देतीं। लेकिन हमें भरोसा था कि अगर कोई भी छोटा सा मौका हमें मिला, तो हम उससे राह बना सकते हैं। ब्रूक के आउट होते ही हम यही बात कर रहे थे – यही हमारा मौका है, दबाव बनाओ। एक और विकेट और फिर देखना, खेल बदल सकता है। क्रिकेट में कुछ भी हो सकता है।”
गिल ने सिराज और कृष्णा की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने कप्तानी को आसान बना दिया। उन्होंने खुलासा किया कि दूसरी नई गेंद न लेने का फैसला क्यों लिया गया: “हमारे पास दूसरी नई गेंद लेने का विकल्प था, लेकिन सिराज और प्रसिद्ध जिस तरह गेंदबाज़ी कर रहे थे, हमें नया गेंद लेने की ज़रूरत महसूस नहीं हुई। 84 ओवर पुरानी गेंद से भी वो विकेट निकाल सकते हैं। और हमें लगता था कि इस विकेट पर हमारे पास अब भी विकेट लेने वाले विकल्प हैं।”
उन्होंने यह भी जोड़ा, “ऐसी स्थिति में बल्लेबाज़ों पर ज्यादा दबाव होता है क्योंकि यह ‘वन बॉल गेम’ बन जाता है। हमने सोचा कि जितना लंबा हम गेम को खींचेंगे, हमारे पास विकेट निकालने की संभावना उतनी ही बढ़ेगी।”
गिल के लिए यह जीत सिर्फ एक मैच नहीं थी, बल्कि एक गहरी सीख भी थी – खेल और जीवन में संतुलन बनाए रखने की। उन्होंने कहा, “ऐसे पल आपको याद दिलाते हैं कि यह यात्रा कितनी मायने रखती है। बहुत उतार-चढ़ाव आए हैं, जो खेल का हिस्सा हैं। हर बार आप मैदान पर जाते हैं, तो शतक लगाना चाहते हैं, प्रदर्शन करना चाहते हैं, लेकिन हमेशा ऐसा नहीं होता। असली चुनौती है संतुलन बनाए रखना – जीत हो या हार, प्रदर्शन अच्छा हो या बुरा।”
गिल ने अंत में कहा, “मैं खुद इस सफर में सीख रहा हूं, लेकिन अब तक का अनुभव अच्छा रहा है। यही असली यात्रा है – खुद को संतुलित रखना, और वही मैं करने की कोशिश कर रहा हूं।”