ओलंपिक को लेकर खेल वैज्ञानिक करेंगे मंथन, राष्ट्रीय कांफ्रेंस 14-15 दिसम्बर को दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित होगा
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: खेल मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से राष्ट्रीय खेल प्रोत्साहन संस्था फिजिकल एजुकेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया (पेफी) के द्वारा खेल विज्ञान पर राष्ट्रीय स्तर की सातवी कॉन्फ्रेंस का आयोजन 14 – 15 दिसंबर को प्रगति मैदान, दिल्ली में स्पोर्ट्स इंडिया 2023 के साथ किया जा रहा है। इसमें ओलंपिक में भारत के दृष्टिकोण से खेल वैज्ञानिक मंथन करेंगे। अमृत काल में खेलों के क्षेत्र में केंद्र सरकार की योजनाएं और उसके प्रभाव पर भी विशेषज्ञ द्वारा चर्चा की जाएगी।
संगोष्ठी का उद्घाटन केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल करेंगे।
राज्यसभा सांसद डॉ. अनिल अग्रवाल, युवा एवं खेल मामले मंत्रालय में संयुक्त सचिव कुणाल विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे, साथ ही विशेष अतिथि के रूप में एसजीएसयू गुजरात के वाइस चांसलर डॉक्टर अर्जुन सिंह राणा द्रोणाचार्य अवार्डी डॉ. अजय बंसल, मानव रचना अन्तराष्ट्रीय विश्विद्यालय के प्रो वीसी डॉ. जी एल खन्ना, वाइस प्रेसिडेंट एमवे इंडिया के रजत बनर्जी, पेफी के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. ए के उप्पल उपस्थित रहेंगे।
कार्यक्रम के आयोजन सचिव डॉ. पीयूष जैन ने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व व खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के मार्गदर्शन में खेलों में भारत लगातार अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। खिलाड़ियों के लिए खेल विज्ञान एक महत्वपूर्ण विषय है। इस महत्वपूर्ण विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया है। इसमें बड़ी संख्या में खेल विशेषज्ञ शामिल हो रहे हैं। यह अपने आप में एक अनूठा संगोष्ठी होगा जिसमें खिलाड़ी एवं खेल वैज्ञानिक एक दूसरे से ऑन द स्पॉट चर्चा करेंगे।
पेफी के द्वारा इस कांफ्रेंस का आयोजन प्रगति मैदान में स्पोर्ट्स इंडिया 2023 के साथ मिलकर किया जा रहा है जिसमें देश भर से खेल विज्ञानी, देश में खेलों के विकास में विज्ञान का योगदान पर चर्चा करेंगे और नई-नई रिसर्च फाइंडिंग के बारे में खिलाड़ियों, खेल प्रशिक्षकों और शारीरिक शिक्षकों को जागृत किया जाएगा जिससे वह अपने खिलाड़ियों की परफॉरमेंस बड़ा कर उन्हें मैडल के लिए तैयार कर सकें. उन्होंने बताया की पूरे विश्व में खेल विज्ञान के क्षेत्र में क्रान्ति हुई है जिसका फायदा खिलाड़ियों को मिल रहा है इसीलिए विकसित देश हमसे अधिक मैडल ला रहे है, अब हमारे देश में भी इस तरह की गतिविधियों की भी जरूरत है जिससे हमारे खिलाड़ी और अधिक मैडल ला सकें और निश्चित रूप से यह कांफ्रेंस खेल विज्ञान के जगत में एक मील का पत्थर साबित होगी।
ज्ञात हो की विगत कुछ वर्षो में देश में खेल विज्ञान के क्षेत्र में खेल मंत्रालय के द्वारा कई नए कदम उठाये है और इस विषय पर मुख्य रूप से ध्यान दिया जा रहा है इसके अंतर्गत देश भर में स्पोर्ट्स साइंस के नए-नए कोर्स से चालू किए गए हैं और उनसे प्रशिक्षित विद्यार्थी साईं और फेडरेशन से जुड़कर खिलाड़ियों के विकास में योगदान दे रहे हैं।
डॉ. जैन ने देश भर के खेल विज्ञानियों, खिलाड़ियों, खेल प्रशिक्षकों और शारीरिक शिक्षकों से अधिक से अधिक संख्या में भाग लेने की अपील की है।