पाकिस्तान से रणनीतिक अलगाव ही फिलहाल सही रणनीति: चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने स्पष्ट रूप से कहा है कि भारत की पाकिस्तान को लेकर वर्तमान नीति “रणनीतिक अलगाव” की है, क्योंकि भारत की तमाम कूटनीतिक कोशिशों के बावजूद पाकिस्तान की ओर से सिर्फ शत्रुता ही मिली है।
सिंगापुर में आयोजित एशिया के प्रमुख रक्षा और सुरक्षा सम्मेलन शांगरी-ला डायलॉग में बोलते हुए जनरल चौहान ने कहा कि स्वतंत्रता प्राप्ति के समय पाकिस्तान भारत से कई मामलों में आगे था, लेकिन आज भारत सभी मोर्चों—आर्थिक प्रदर्शन, सामाजिक विकास और मानव संसाधन—पर आगे है।
उन्होंने कहा, “जब हमने स्वतंत्रता प्राप्त की थी, तब पाकिस्तान हर सामाजिक और आर्थिक मापदंड में हमसे आगे था। लेकिन आज भारत हर क्षेत्र में पाकिस्तान से बेहतर प्रदर्शन कर रहा है, वह भी हमारी अधिक विविधता के बावजूद।”
जनरल चौहान ने बताया कि भारत ने कई बार पाकिस्तान के साथ संबंध सुधारने की कोशिश की। “2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित किया था। 2015 में प्रधानमंत्री मोदी ने लाहौर जाकर नवाज शरीफ को जन्मदिन की बधाई दी। हमने राजनयिक रूप से कई बार पहल की, लेकिन तालियां बजाने के लिए दो हाथ चाहिए। अगर हमें बदले में सिर्फ दुश्मनी मिलती है, तो रणनीतिक अलगाव ही फिलहाल सबसे उचित नीति है।”
जनरल चौहान ने ऑपरेशन सिंदूर का भी उल्लेख किया, जो इस महीने की शुरुआत में पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत द्वारा शुरू किया गया सैन्य अभियान था। उन्होंने बताया कि इस ऑपरेशन में स्वदेशी हथियार प्रणाली जैसे आकाश मिसाइल सिस्टम का प्रभावी उपयोग किया गया।
उन्होंने कहा, “हमने न केवल आकाश मिसाइल प्रणाली जैसे स्वदेशी प्लेटफॉर्म का सफलतापूर्वक उपयोग किया, बल्कि हमने विदेशी आपूर्तिकर्ताओं पर निर्भर हुए बिना अपना एयर डिफेंस नेटवर्क तैयार किया है। हमने देश भर के विभिन्न रडार को एकीकृत कर एक सशक्त रक्षा नेटवर्क खड़ा किया है, जो इस ऑपरेशन में निर्णायक साबित हुआ।”
ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने पाकिस्तान के 11 प्रमुख सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया, जिनमें नूर खान एयरबेस भी शामिल था, जो पाकिस्तान की सेना मुख्यालय से महज 10 किलोमीटर दूर स्थित है। यह ऑपरेशन पाकिस्तान के ड्रोन और मिसाइल हमलों के जवाब में किया गया था, जिसमें भारत की वायु रक्षा प्रणाली ने अहम भूमिका निभाई।