वैश्विक प्रगति के लिए भारत-ब्रिटेन की मजबूत मित्रता आवश्यक: प्रधानमंत्री मोदी

Strong India-UK friendship is essential for global progress: PM Modiचिरौरी न्यूज

नई दिल्ली: ब्रिटेन की दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार शाम लंदन पहुंचे। उन्होंने कहा कि भारत और यूके के बीच मजबूत मित्रता वैश्विक प्रगति के लिए अत्यंत आवश्यक है। प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, “लंदन पहुंचा। यह यात्रा हमारे दोनों देशों के बीच आर्थिक साझेदारी को आगे बढ़ाने में मददगार साबित होगी।

इसका मुख्य फोकस समृद्धि, विकास और रोजगार सृजन को बढ़ावा देना होगा। भारत-यूके की मजबूत मित्रता वैश्विक प्रगति के लिए जरूरी है।” विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने X पर लिखा, “भारत-ब्रिटेन व्यापक रणनीतिक साझेदारी में एक नया अध्याय लिखते हुए पीएम नरेंद्र मोदी आधिकारिक दौरे पर लंदन पहुंचे हैं। पीएम कीर स्टारमर के साथ द्विपक्षीय वार्ता और महामहिम किंग चार्ल्स तृतीय से मुलाकात प्रस्तावित है।”

यह यात्रा ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर के निमंत्रण पर 23-24 जुलाई को हो रही है, जो पीएम मोदी की चौथी यूके यात्रा है। रवाना होने से पहले मोदी ने कहा, “यूके के लिए रवाना हो रहा हूं, एक ऐसा देश जिसके साथ हमारी व्यापक रणनीतिक साझेदारी ने बीते वर्षों में काफी गति पकड़ी है। मैं पीएम कीर स्टारमर से अपनी वार्ता और महामहिम किंग चार्ल्स तृतीय से मुलाकात को लेकर उत्सुक हूं।”

विदेश मंत्रालय के अनुसार, इस यात्रा के दौरान दोनों पक्ष व्यापक रणनीतिक साझेदारी की प्रगति की समीक्षा करेंगे, जिसमें व्यापार और अर्थव्यवस्था, प्रौद्योगिकी और नवाचार, रक्षा और सुरक्षा, जलवायु, स्वास्थ्य, शिक्षा और जन-जन के बीच संबंधों पर विशेष ध्यान रहेगा। दोनों नेता क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा करेंगे। यह यात्रा भारत-यूके रणनीतिक साझेदारी को नई ऊर्जा देने की दिशा में अहम मानी जा रही है।

पीएम मोदी के किंग चार्ल्स तृतीय से भी मुलाकात करने की संभावना है। तीन वर्षों से वार्ता में चल रहे भारत-यूके मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर भी बातचीत की जाएगी, जिससे भारतीय निर्यात के 99% और ब्रिटिश वस्तुओं के 90% निर्यात पर शुल्क समाप्त या कम किए जाने की उम्मीद है। इससे 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना कर $60 बिलियन से आगे ले जाने और ब्रिटिश व्हिस्की व कारों जैसे उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा मिलने की संभावना है।

प्रधानमंत्री मोदी इस दौरान यूके में खालिस्तानी कट्टरपंथियों की मौजूदगी पर भी चिंता जता सकते हैं। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि “खालिस्तानी तत्वों और उनके करीबियों की मौजूदगी का मुद्दा हम यूके के साथ पहले भी उठा चुके हैं।” मंत्रालय ने कहा कि यह यात्रा दोनों देशों के बीच उच्च स्तरीय संवाद को और मजबूत करती है। मोदी और स्टारमर पहले ही ब्राज़ील में G20 और जून 2025 में G7 शिखर सम्मेलन में मुलाकात कर चुके हैं और कई बार फोन पर भी बात कर चुके हैं।

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