सुप्रीम कोर्ट ने कृषि कानूनों पर लगायी रोक, 4 सदस्यीय कमेटी का किया गठन

Supreme Court rejects plea for SIT probe into misuse of electoral bonds by political partiesचिरौरी न्यूज़

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने आज कृषि कानूनों  के अमल पर रोक लगा दी है, और साथ ही साथ चार सदस्य कमेटी का गठन कर दिया है जो इन कानूनों में कमियों को दूर करने के लिए सरकार को सुझाव देगी।

साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस के उस आवेदन पर नोटिस जारी किया जिसमें गणतंत्र दिवस पर किसानों के विरोध में प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली को रोकने की मांग की गई थी। आंदोलन और कृषि कानूनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज एक बार फिर सुनवाई हो रही है। कल आंदोलन और कानूनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में करीब डेढ़ घंटे सुनवाई हुई थी। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कई तीखें सवाल पूछे थे। ये उम्मीद की जा रही थी कि आज सुप्रीम कोर्ट इस पर फैसला सुना सकता है।

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को नये कृषि कानूनों पर सुनवाई के दौरान केंद्र को फटकार लगाते हुए कहा थ कि- क्या चल रहा है? राज्य आपके कानूनों के खिलाफ बगावत कर रहे हैं। आप कृषि कानूनों को होल्ड पर रख रहे हैं या नहीं? अगर आप नहीं रख रहे हैं तो हम रख देंगे। कोर्ट ने कहा कि हम इस मामले के समाधान के लिए विशेषज्ञों की कमेटी बनाना चाहते हैं, कमेटी की रिपोर्ट आने तक कृषि कानूनों को होल्ड पर रखें।

अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि किसी कानून पर तब तक रोक नहीं लगाई जा सकती, जब तक वह मौलिक अधिकारों या संवैधानिक योजनाओं का उल्लंघन ना करें। इसपर कोर्ट ने कहा कि हम कानून पर रोक लगाने की बात नहीं कर रहे हम इसके अमल पर रोक लगाने की बात कर रहे हैं। कोर्ट ने कहा कि हम नियुक्त की जाने वाली समिति के माध्यम से कृषि कानूनों की समस्या के समाधान के लिए आदेश पारित करने का प्रस्ताव कर रहे हैं।

शीर्ष अदालत प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों के साथ सरकार की बातचीत में गतिरोध बरकरार रहने के बीच नए कृषि कानूनों को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं और दिल्ली की सीमा पर चल रहे किसानों के प्रदर्शन से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। आज कोर्ट ने साफ कर दिया कि वह कानून के अमल पर रोक लगा रही है और और मसले के हल के लिए 4 सदस्यीय कमिटी बनाएगा।

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