सुप्रीम कोर्ट का फैसला, 1995 के दोहरे हत्याकांड में राजद नेता प्रभुनाथ सिंह दोषी करार; एक सितंबर को सुनाई जाएगी सजा
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: पूर्व सांसद और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता प्रभुनाथ सिंह को शुक्रवार को भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने 1995 में बिहार के छपरा में मसरख दोहरे हत्याकांड के मामले में हत्या का दोषी पाया।
घटना के 28 साल बाद प्रभुनाथ सिंह को हत्या का दोषी ठहराया गया है। इसी मामले में ट्रायल कोर्ट और पटना हाई कोर्ट ने दो लोगों को बरी कर दिया है।
सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच जिसमें जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस अभय ओका और विक्रम नाथ शामिल थे, ने शुक्रवार को अपने फैसले में कहा कि प्रभुनाथ सिंह को “दारोगा राय और राजेंद्र राय की हत्या के लिए और श्रीमती देवी की हत्या के प्रयास के लिए आईपीसी की धारा 302 और 307 के तहत दोषी ठहराया गया है।”
अदालत ने सचिव, गृह विभाग, बिहार राज्य और पुलिस महानिदेशक, बिहार को यह सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया कि प्रभुनाथ सिंह को तुरंत हिरासत में लिया जाए और 1 सितंबर, 2023 को सजा के सवाल पर सुनवाई के लिए इस अदालत के समक्ष पेश किया जाए।
प्रभुनाथ सिंह वर्तमान में जेल में हैं और जुलाई 1995 में पटना में अपने घर पर विधायक अशोक सिंह की हत्या के लिए आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। 2017 में, हजारीबाग की ट्रायल कोर्ट ने सिंह को दोषी पाया और उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
143 पन्नों के सुप्रीम कोर्ट के फैसले में ट्रायल कोर्ट भागलपुर की आलोचना की गई है, जिसने 2008 में प्रभुनाथ सिंह को बरी कर दिया था। फैसले में दर्ज किया गया है कि मुकदमे के पीठासीन न्यायाधीश ने निष्पक्ष तरीके से मुकदमा नहीं चलाया था और नामित गवाहों को बुलाने से भी इनकार कर दिया था।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले में यह भी दर्ज है कि दोहरे हत्याकांड की जांच दागदार थी और यह प्रभुनाथ सिंह की मनमानी को दर्शाता है, जो सत्ताधारी पार्टी के मौजूदा सांसद होने के कारण एक शक्तिशाली व्यक्ति थे।
प्रभुनाथ सिंह के खिलाफ मामला 1995 की एक घटना से संबंधित है, जब राजेंद्र राय, दरोगा राय और अन्य लोग 25 मार्च 1995 को विधानसभा चुनाव में अपना वोट डालने के बाद अपने गांव लौट रहे थे। जब प्रभुनाथ सिंह ने को पता चल कि इन लोगों ने उनके खिलाफ वोट दिया है तो उन्होंने दरोगा राय और अन्य लोगों पर गोली चला दी। इसमें तीन लोग घायल हो गए। तीन में से दो ने बाद में दम तोड़ दिया।