सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद यूपी में 69000 शिक्षकों की बहाली का रास्ता साफ़

Supreme Court accepted the petition to consider the validity of the law increasing reservation in Biharअंकित कुमार

नई दिल्ली: प्राथमिक विद्यालय शिक्षक भर्ती मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है, तो वही गुरुवार को कोर्ट की तरफ़ से शिक्षामित्रों की याचिका को खारिज कर दिया गया है। इससे उत्‍तर प्रदेश सरकार को बड़ी राहत मिली है, क्यूंकि यूपी में अब 69000 शिक्षकों की भर्ती का रास्‍ता साफ हो गया है।

सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों की पीठ ने गुरुवार को यूपी प्राथमिक शिक्षा मित्र एसोसिएशन की याचिका पर सुनवाई की, तो वही शिक्षा मित्रों के संघ ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इस मामले में UPTET के तहत 69000 शिक्षकों की बहाली का मुद्दा उठाया गया था।

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से पहले भी इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले में यूपी सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया था। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी सरकार के पक्ष को सही ठहराते हुए 69000 शिक्षकों की भर्ती मामले में फैसला दिया था कि यूपी सरकार तीन महीने के अंदर 69000 शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया पूरी करे। लेकिन हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ शिक्षा मित्रों के संगठन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के दो जजों की पीठ ने मई की शुरुआत में दिए अपने फैसले में कट ऑफ मार्क्स के जरिए शिक्षकों की नियुक्ति को सही ठहराया था।

हालांकि शिक्षक भर्ती के लिए जो उत्तर प्रदेश सरकार ने विज्ञापन में न्यूनतम कट ऑफ अंक लाने की बात कही थी, लेकिन उस समय सरकार द्वारा जारी इस विज्ञापन में यह नहीं बताया गया था कि कट ऑफ अंक कितना होगा। कट ऑफ अंक के बारे में यूपी सरकार ने बाद में जानकारी दी थी जिसके मुताबिक जनरल कैटेगरी के अभ्यर्थियों को 150 में से 97 (65%) अंक लाना आवश्यक होगा, तो वहीं आरक्षण कैटेगरी वाले अभ्यर्थियों के लिए 150 में से 90 यानी 60% अंक लाना  सरकार की तरफ से अनिवार्य कर दिया गया है।

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