प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट सुरक्षा समिति ने 7,000 करोड़ रुपये में स्वदेशी ATAGS तोप प्रणाली को मंजूरी दी
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट सुरक्षा समिति (CCS) ने स्वदेशी निर्मित एडवांस्ड टोव्ड आर्टिलरी गन सिस्टम (ATAGS) को मंजूरी दी है, जिसकी लागत लगभग 7,000 करोड़ रुपये है। यह कदम भारत की रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
ATAGS, जो कि 155 मिमी आर्टिलरी गन है, भारत द्वारा डिजाइन, विकसित और निर्मित की गई पहली तोप है, जो भारतीय सशस्त्र बलों की ऑपरेशनल क्षमता को बढ़ाने के लिए अत्याधुनिक तकनीकी विशेषताओं और उच्च शक्ति से लैस है।
ATAGS में लंबी 52-कैलिबर बैरल है, जो इसे 40 किमी तक की फायरिंग रेंज प्रदान करती है। इस सिस्टम के बड़े कैलिबर से उच्च विस्फोटक क्षमता मिलती है, जिससे यह अधिक घातक बनता है और इसे स्वचालित रूप से तैनात किया जा सकता है, जिससे चालक दल की थकान में भी कमी आती है। यह स्वीकृति भारत की स्वदेशी रक्षा निर्माण और तकनीकी प्रगति में बढ़ती ताकत को दर्शाती है।
ATAGS का परिचय भारतीय सेना की तोपखाने को आधुनिक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, और यह पुरानी 105 मिमी और 130 मिमी तोपों की जगह लेगा। इसका उपयोग भारत के पश्चिमी और उत्तरी सीमाओं पर किया जाएगा, जिससे सशस्त्र बलों को महत्वपूर्ण सामरिक लाभ मिलेगा और ऑपरेशनल तत्परता और आग्नेय शक्ति में सुधार होगा।
‘मेक इन इंडिया’ पहल का एक उदाहरण, ATAGS का विकास रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और भारतीय निजी उद्योग भागीदारों के सहयोग से किया गया है। इसके घटकों का 65 प्रतिशत से अधिक हिस्सा स्वदेशी रूप से प्राप्त किया गया है, जिनमें बैरल, म्यूज़ल ब्रेक, ब्रीच मैकेनिज़म, फायरिंग और रीकॉइल सिस्टम, और एम्यूनिशन हैंडलिंग मैकेनिज़म जैसे महत्वपूर्ण उप-सिस्टम शामिल हैं। यह विकास न केवल भारत की रक्षा उद्योग को मजबूत करता है, बल्कि विदेशी आयात पर निर्भरता भी कम करता है।
ATAGS, एक पूरी तरह से स्वदेशी प्रणाली होने के नाते, इसके लिए मजबूत स्पेयर पार्ट्स की आपूर्ति श्रृंखला और निर्बाध जीवन चक्र रख-रखाव की सुविधा होगी। इस स्वदेशी प्रणाली से भारत की रक्षा प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भरता को मजबूती मिलेगी।
ATAGS की एक प्रमुख विशेषता यह है कि इसका विदेशी घटकों पर निर्भरता बहुत कम है। इसमें उपयोग होने वाले महत्वपूर्ण उप-सिस्टम जैसे नेविगेशन सिस्टम, म्यूज़ल वेग रडार और सेंसर स्वदेशी रूप से डिज़ाइन और स्रोत किए गए हैं, जिससे भारत की विदेशी तकनीक और आयात पर निर्भरता में महत्वपूर्ण कमी आती है।
ATAGS की स्वीकृति और निर्माण से कई उद्योगों में 20 लाख कार्यदिवसों के रोजगार का सृजन होगा। इसके अतिरिक्त, यह भारत की वैश्विक रक्षा निर्यात बाजार में स्थिति को मजबूत करने का अवसर प्रदान करेगा, और भविष्य में स्वदेशी रक्षा निर्यात के रास्ते खोल सकेगा।