सरकार ने चुनाव विश्लेषक संस्थान CSDS के विरुद्ध बड़ी कार्रवाई की तैयारी
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: शेफोलॉजिस्ट संजय कुमार द्वारा महाराष्ट्र चुनाव में मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर जोड़-घटाव को लेकर की गई टिप्पणी पर माफी मांगने के एक दिन बाद, अब सरकार द्वारा संचालित एक शोध संस्था ने उनके संस्थान सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटीज़ (CSDS) को कारण बताओ नोटिस जारी करने की तैयारी कर ली है।
भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICSSR) ने एक्स पर पोस्ट कर बताया कि उसने CSDS द्वारा किए गए डेटा के कथित हेरफेर और चुनाव आयोग की गरिमा को कम करने के प्रयास को गंभीरता से लिया है।
ICSSR, जो कि शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत एक स्वायत्त संस्था है और CSDS को अनुदान देती है, ने अपने बयान में कहा कि उसे यह जानकारी मिली है कि CSDS से जुड़े एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने महाराष्ट्र चुनाव को लेकर मीडिया में जो आंकड़े दिए थे, उन्हें बाद में डेटा एनालिसिस में गड़बड़ी बताते हुए वापस लेना पड़ा। साथ ही, संस्थान पर चुनाव आयोग द्वारा कराई गई SIR प्रक्रिया की पक्षपाती व्याख्या के आधार पर मीडिया में खबरें प्रकाशित करने का आरोप भी लगाया गया है।
ICSSR ने अपने बयान में कहा, “ICSSR भारतीय संविधान का सर्वोच्च सम्मान करता है। भारत निर्वाचन आयोग एक उच्च संवैधानिक संस्था है, जो दशकों से विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव करा रही है।” आगे कहा गया कि CSDS द्वारा डेटा में हेरफेर और एक विशेष नैरेटिव गढ़ने का प्रयास ICSSR की ग्रांट-इन-एड नियमों का गंभीर उल्लंघन है और इस पर संस्थान को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा।
संजय कुमार ने पहले दावा किया था कि महाराष्ट्र के नासिक वेस्ट और हिंगणा विधानसभा क्षेत्रों में मतदाताओं की संख्या में क्रमशः 47 प्रतिशत और 43 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई, जबकि रामटेक और देवलाली में मतदाता संख्या में क्रमशः 38 प्रतिशत और 36 प्रतिशत की गिरावट आई है। कांग्रेस ने इस आधार पर भाजपा पर ‘मतदाता धोखाधड़ी’ का आरोप लगाया और संजय कुमार के आंकड़ों को साझा करते हुए चुनाव आयोग और सत्तारूढ़ पार्टी को घेरा।
हालांकि, बाद में संजय कुमार ने अपने ट्वीट हटा दिए और माफी मांगते हुए कहा, “महाराष्ट्र चुनावों को लेकर किए गए ट्वीट्स के लिए मैं ईमानदारी से माफी मांगता हूं। 2024 लोकसभा और 2024 विधानसभा चुनाव के आंकड़ों की तुलना करते समय हमारी डेटा टीम से गलती हो गई थी। ट्वीट हटा दिया गया है। मेरा उद्देश्य किसी भी प्रकार की गलत सूचना फैलाना नहीं था।”
इस पर भाजपा ने पलटवार करते हुए कांग्रेस पर झूठा नैरेटिव गढ़ने का आरोप लगाया। भाजपा के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने कहा कि जिस संस्थान के आंकड़ों के आधार पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने चुनाव आयोग को निशाने पर लिया था, उसी संस्थान ने अब खुद अपनी गलती मान ली है। उन्होंने पूछा, “अब राहुल गांधी और कांग्रेस की स्थिति क्या रह गई है, जिन्होंने सच्चे मतदाताओं को भी फर्जी कह दिया था? उन्हें माफी मांगनी चाहिए।”
वहीं कांग्रेस अपने रुख पर कायम रही। पार्टी प्रवक्ता सुजाता पॉल ने NDTV से कहा कि कांग्रेस ने केवल CSDS के आंकड़ों पर भरोसा नहीं किया था, बल्कि अपने कार्यकर्ताओं, सहयोगी दलों और अन्य स्रोतों से भी सबूत जुटाए थे। उन्होंने कहा, “CSDS के आंकड़े तो सिर्फ अतिरिक्त प्रमाण के तौर पर उपयोग किए गए थे। उन्होंने माफी क्यों मांगी, यह उनकी समस्या है, हमारी नहीं।”
गौरतलब है कि संजय कुमार CSDS के अंतर्गत लोकनीति कार्यक्रम के सह-निदेशक और प्रोफेसर हैं।
