भारतीय शिक्षा का मुख्य उद्देश्य मनुष्य को संवेदनशील बनाना है: पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी

The main aim of Indian education is to make humans sensitive: Former Chief Minister Bhagat Singh Koshyariचिरौरी न्यूज

नई दिल्ली: भारतीय शिक्षण मंडल, दिल्ली प्रांत और ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित 10 दिवसीय अनुभूति शिविर का आयोजन ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी में किया गया, जिसमें देश के विभिन्न प्रांतों से 137 प्रशिक्षुओं ने प्रतिभाग किया।

16 जुलाई को शिविर के समापन के अवसर पर उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी जी ने बतौर मुख्य अतिथि अपने उद्बोधन में कहा कि “युवावस्था में हम जो तय करते हैं, वही हमारे संपूर्ण जीवन की आधारशिला होती है। आज, मेरे सम्मुख बैठे युवा जो भी तय करेंगे, जिस ओर बढ़ेंगे वही भारत का भविष्य होगा।”

साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि “भारतीय शिक्षा का मुख्य उद्देश्य मनुष्य को संवेदनशील मनुष्य बनाना है साथ ही अपनी संस्कृति और ज्ञान परंपरा से ओत-प्रोत करना है। भारत के पास जो ज्ञान संपदा है वह संपूर्ण विश्व में कहीं भी नहीं है, यह देश ऋषियों और गुरुजनों का है। उन्होंने भारतीय मनीषा और गुरु-शिष्य परंपरा का महत्व बताते हुए कहा कि “गुरु हमेशा यही चाहते हैं कि उनके शिष्य उनसे कभी न हारें। वे हमेशा प्रगति पथ पर आगे बढ़ते रहें।

मुख्य वक्ता के रूप में भारतीय शिक्षण मंडल के अखिल भारतीय संगठन मंत्री बी आर शंकरानन्द जी ने कहा कि “हमारे मुख्य अतिथि कोश्यारी जी का जीवन हमारे लिए अनुकरणीय है। 83 वर्ष की आयु में व्यक्तित्व की ऐसी ओजस्विता हमें कर्तव्य पथ पर बढ़ते रहने के लिए प्रेरित करती है। उनका हमारे बीच आज उपस्थित होना ईश्वरीय विधान है। आज अनुभूति शिविर का समापन दिवस है, गत दस दिवसों में हमारे और आपके मध्य ‘मैं कौन हूं?, क्या हूं?, मेरा लक्ष्य क्या है?’ जैसे प्रश्नों पर गंभीर संवाद हुए। मुझे पूर्ण विश्वास है कि आप अपने लक्ष्य का निर्धारण राष्ट्र को केंद्र में रखकर करेंगे। हमें यह बात हमेशा ध्यान रखनी चाहिए कि हमारा और राष्ट्र का स्वप्न एक हो, राष्ट्र के उत्तरोत्तर विकास में अपना तन-मन-धन समर्पित करना ही हमारा एकमात्र लक्ष्य होना चाहिए। लक्ष्य प्राप्त होते ही साधारण से साधारण मनुष्य असाधारण हो जाता है।”

अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में भारतीय शिक्षण मंडल के दिल्ली प्रांत अध्यक्ष, डॉ. अजय कुमार सिंह जी ने कहा कि “अनुभूति शिविर के सभी प्रशिक्षुओं को मेरी अशेष शुभकामनाएं! शिविर में प्रतिभाग के बाद आप अपने अंदर सकारात्मक बदलाव करेंगे ऐसा मेरा विश्वास है, आपकी सही परीक्षा तब होगी जब आप यहां से अपने स्थान पर जाएंगे और यहां सिखाए गए मूल्यों, कौशल विकास और राष्ट्र के प्रति समर्पण को अपने जीवन में प्रयोग करेंगे।

कार्यक्रम के आरम्भ में अपने स्वागत उद्बोधन में ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी के निदेशक प्रो. अनिल कुमार नायर जी ने कहा कि मेरे सम्मुख बैठे सभी युवा भारत हैं, आपके भीतर मैं ओजस्वी और विश्वगुरु भारत की स्पष्ट झलक देख पा रहा हूँ।

साथ ही उन्होंने स्वामी विवेकानंद के महत्वपूर्ण विचार ‘उठो, जागो और लक्ष्य प्राप्ति तक रुको मत’ से युवाओं को लक्ष्य के प्रति प्रेरित करते हुए कहा कि इस दिशा में यह अनुभूति शिविर एक महत्वपूर्ण कदम है। भारतीय शिक्षण मंडल, दिल्ली प्रांत के प्रांत सह मंत्री एवं अनुभूति शिविर के संयोजक डॉ. धर्मेंद्र नाथ तिवारी ने दस दिवसीय अनुभूति शिविर का संक्षिप्त वृत्त प्रस्तुत किया। अंत में धन्यवाद ज्ञापन अनुभूति शिविर की सह संयोजिका अंजली कायस्थ जी ने किया।

इस कार्यक्रम में भारतीय शिक्षण मंडल के विभिन्न राष्ट्रीय पदाधिकारी उपस्थित रहे, जिनमें भारतीय शिक्षण मंडल के अखिल भारतीय संयुक्त महामंत्री सुनील शर्मा जी, अखिल भारतीय सह व्यवस्था प्रमुख अजय धाकरेस जी, अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख संजय पाठक जी, अखिल भारतीय विशेष संपर्क प्रमुख शिवव्रत महापात्र जी, अखिल भारतीय प्रकाशन प्रमुख प्रो. रविप्रकाश टेकचंदानी जी, अखिल भारतीय युवा गतिविधि सह प्रमुख जसपाल कौर जी, दिल्ली-पंजाब-हरियाणा के प्रांत संगठन मंत्री गणपति तेति जी, दिल्ली प्रांत संगठन मंत्री सचिन मारन जी, उत्तराखंड प्रांत संगठन मंत्री दया शंकर जी एवं अन्य विशिष्ट लोगों की उपस्थिति रही।

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