भारतीय मध्यस्थता परिषद और नई दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र स्थापित करने की है आवश्यकता: रिजिजू

चिरौरी न्यूज़

नई दिल्ली: विधि एवं न्याय मंत्री किरेन रिजिजू ने विधि एवं न्याय राज्य मंत्री प्रो. एस. पी. सिंह बघेल के साथ 15 जुलाई 2021 को शास्त्री भवन में विधि कार्य एवं विधायी विभाग के अधिकारियों के साथ एक बैठक की। विधि सचिव एवं विधायी‍विभाग में सचिव श्री अनूप कुमार मेंदीरत्ता ने अधिकारियों के साथ मंत्रियों का स्वागत किया। मंत्रियों ने अपने संबोधन में इस मंत्रालय के कामकाज के संदर्भ में सरकार की प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर प्रकाश डाला और विभाग को भेजे जाने वाली फाइलों के समयबद्ध निपटान की आवश्यकता पर जोर दिया।

कानून मंत्री ने विभाग की पहल लीगल इन्‍फॉर्मेशन मैनेजमेंट एंड ब्रीफिंग सिस्टम (एलआईएमबीएस) की सराहना की। उन्‍होंने मुकदमेबाजी की निगरानी के लिए इसके दायरे एवं पहुंच को कहीं अधिक बढ़ाने के निर्देश दिए जो सरकार और नीतिगत दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है।

मंत्री ने यह भी कहा कि भारत को एक अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र के रूप में विकसित करने संबंधी प्रधानमंत्री के सपने को साकार करने के लिए भारतीय मध्यस्थता परिषद (एसीआई) और नई दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र (एनडीआईएसी) की स्थापना करने की आवश्यकता है। इन संस्थानों की स्थापना से न केवल मध्यस्थों की नियुक्ति के लिए मुकदमेबाजी को कम करने में मदद मिलेगी बल्कि संस्थागत मध्यस्थता को भी बढ़ावा मिलेगा जो समय की मांग है। इसके अलावा, इस दिशा में किए जा रहे प्रयासों से देश को कारोबारी सुगमता (ईओडीबी) परिवेश को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी, विशेष तौर पर अनुबंधों को लागू करने के संबंध में। साथ ही इससे कारोबारी सुगमता के मामले में विश्व बैंक की रैंकिंग में भारत को अपनी स्थिति बेहतर करने में मदद भी मिलेगी। ये पहल विदेशी निवेश को आकर्षित करने और भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में सहायक होंगी।

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