झारखंड के गुमला में मुठभेड़ में तीन माओवादी ढ़ेर

चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: झारखंड में बुधवार सुबह पुलिस और सुरक्षा बलों के साथ हुई मुठभेड़ में प्रतिबंधित संगठन झारखंड जन मुक्ति परिषद (JJMP) से जुड़े तीन माओवादी मारे गए। यह मुठभेड़ गुमला ज़िले के बिशुनपुर थाना क्षेत्र के केचकी के घने जंगलों में हुई।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, मारे गए तीनों माओवादियों की पहचान लालू लोहरा, छोटू उरांव और सुजीत उरांव के रूप में हुई है। लालू लोहरा और छोटू उरांव, दोनों ही JJMP के सब-ज़ोनल कमांडर थे और उन पर 5-5 लाख रुपये का इनाम था। तीसरा माओवादी, सुजीत उरांव, इसी संगठन का सक्रिय सदस्य था। लोहरा लोहरदगा ज़िले का रहने वाला था, जबकि छोटू लातेहार और सुजीत लोहरदगा का रहने वाला था।
गुमला पुलिस ने मुठभेड़ स्थल से अत्याधुनिक हथियार बरामद होने की पुष्टि की है, जिसमें लालू लोहरा के पास से एक AK-47 राइफल भी शामिल है। तीनों के पास से कई अन्य हथियार और गोला-बारूद भी बरामद किए गए हैं।
आसपास के वन क्षेत्रों में तलाशी और तलाशी अभियान जारी है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आस-पास कोई अन्य उग्रवादी छिपा तो नहीं है।
यह मुठभेड़ इस महीने झारखंड में चौथा माओवादी विरोधी अभियान है, जिससे सितंबर में मारे गए नक्सलियों की कुल संख्या आठ हो गई है।
इससे पहले, 15 सितंबर को, तीन शीर्ष माओवादी, सहदेव सोरेन उर्फ प्रवेश (एक करोड़ रुपये का इनामी), रघुनाथ हेम्ब्रम (25 लाख रुपये) और वीर सेन गंझू (10 लाख रुपये), हजारीबाग जिले के गोरहर में एक मुठभेड़ में मारे गए थे।
14 सितंबर को, पलामू के मनातू जंगल में प्रतिबंधित टीएसपीसी (तृतीया सम्मेलन प्रस्तुति समिति) के साथ मुठभेड़ के दौरान 5 लाख रुपये के इनामी माओवादी मुखदेव यादव को मार गिराया गया था। 7 सितंबर को, सुरक्षा बलों ने पश्चिमी सिंहभूम जिले के गोइलकेरा में 10 लाख रुपये के इनामी माओवादी अमित हांसदा उर्फ उप्टन को मार गिराया था।
झारखंड पुलिस के अनुसार, 2025 में अब तक 32 माओवादी मारे जा चुके हैं। औसतन, हर महीने पुलिस मुठभेड़ों में तीन नक्सली मारे जाते हैं। राज्य में अनुमानित 100 से 150 माओवादी सक्रिय हैं। झारखंड पुलिस, केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के साथ समन्वय में, मार्च 2026 तक राज्य को पूरी तरह से नक्सल मुक्त बनाने के लक्ष्य के साथ दीर्घकालिक नक्सल विरोधी अभियान चला रही है।