ट्रंप ने सऊदी अरब को एफ-35 विमान बेचने की मंजूरी दी, परमाणु ऊर्जा और खनिज पर फाइनल समझौता
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान का व्हाइट हाउस में स्वागत किया, जहां दोनों देशों ने परमाणु ऊर्जा, रक्षा, महत्वपूर्ण खनिजों और आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस सहित कई क्षेत्रों में महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए। इसके अलावा, राष्ट्रपति ट्रंप और क्राउन प्रिंस ने अमेरिका-सऊदी रणनीतिक रक्षा समझौते (SDA) पर भी दस्तखत किए, जिसके तहत ट्रंप ने एफ-35 लड़ाकू विमानों और टैंकों की बिक्री को मंज़ूरी दी।
व्हाइट हाउस के अनुसार, दोनों पक्षों ने सिविल न्यूक्लियर एनर्जी, क्रिटिकल मिनरल्स फ्रेमवर्क और आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस (AI) से जुड़े एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए। यह क्राउन प्रिंस का सात वर्षों में व्हाइट हाउस का पहला दौरा था, जिसे पूरी राजकीय सम्मान-संरचना के साथ मनाया गया। उन्हें सैन्य गार्ड ऑफ ऑनर और अमेरिकी विमानों की फ्लाईओवर सलामी भी दी गई। ट्रंप ने क्राउन प्रिंस का स्वागत करते हुए उन्हें “बेहद सम्मानित” व्यक्तित्व बताया और दोनों नेताओं के बीच लंबे समय से चले आ रहे व्यक्तिगत संबंधों को रेखांकित किया।
अमेरिका में सऊदी निवेश को 1 ट्रिलियन डॉलर तक ले जाने की योजना
अपने संबोधन में क्राउन प्रिंस ने बताया कि सऊदी अरब अमेरिका में अपने निवेश को अनुमानित 600 अरब डॉलर से बढ़ाकर लगभग 1 ट्रिलियन डॉलर तक ले जाने की योजना बना रहा है। उन्होंने कहा कि यह कदम वाणिज्यिक अवसरों और अमेरिका में बढ़ती कंप्यूटिंग पावर तथा एडवांस्ड चिप्स की मांग को ध्यान में रखकर उठाया जा रहा है।
“हम अमेरिका के भविष्य में विश्वास रखते हैं,” उन्होंने कहा। ट्रंप ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अमेरिका “इसकी बहुत सराहना करता है।”
खशोगी मामले पर दोनों नेताओं की प्रतिक्रिया
2018 में पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या के बारे में पूछे जाने पर ट्रंप ने दोहराया कि क्राउन प्रिंस का इसमें कोई हाथ नहीं था। वहीं, मोहम्मद बिन सलमान ने इस घटना को सऊदी अरब के लिए “दर्दनाक” बताया और इसे “एक बड़ी गलती” कहा। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए सऊदी सरकार ने कई सख्त कदम उठाए हैं।
क्षेत्रीय कूटनीति पर बात करते हुए क्राउन प्रिंस ने पुष्टि की कि सऊदी अरब अब्राहम समझौतों में शामिल होने और इज़राइल के साथ औपचारिक संबंध स्थापित करने में रुचि रखता है। हालाँकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इसके लिए रियाद को “दो-राष्ट्र समाधान की स्पष्ट राह” की आवश्यकता है। बुधवार को दोनों नेता वाशिंगटन में होने वाले अमेरिका-सऊदी निवेश सम्मेलन में भी भाग लेंगे।
