ट्रंप की कोरोना इलाज की नई थ्योरी का उड़ रहा है मजाक

California files suit against Trump administration, calls National Guard deployment a 'step toward dictatorship'

न्यूज़ डेस्क

नई दिल्ली: अपने बयानों को लेकर हमेशा चर्चा में रहने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक बार फिर दुनियां भर के डॉक्टरों और वैज्ञानिकों के बीच कोरोना वायरस के इलाज को लेकर एक नई बहस की शुरुआत कर दी है. अपने ताज़ा बयान में उन्होंने कहा है कि यदि कोरोना से संक्रमित व्यक्तियों के फेफड़ों को एक इंजेक्शन के द्वारा क्लीन कर के मरीजों को ठीक किया जा सकता है. ट्रम्प ने कहा कि कोरोना में सबसे ज्यादा मरीजों के फेफड़ो का ही नुकसान होता है. ऐसे में ये उपाय कारगर साबित हो सकती है.

अमेरिकी राष्ट्रपति जब गुरुवार को वाइट हाउस में पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे तो अचानक से उन्होंने ये दावा किया कि इस विधि से मरोजों को ठीक किया जा सकता है. हालांकि उनके साथ खड़े एक्सपर्ट्स ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दिया और वो अपने राष्ट्रपति के बात को गौर से सुनते रहे. ट्रम्प ने कहा, “ये वायरस फेफड़ों पर सबसे ज्यादा असर करता है और इससे ही सबसे ज्यादा मौतें हुईं हैं. हमें इसके बारे में पता लगाना चाहिए, डॉक्टर्स से इसके बारे में सलाह लेनी चाहिए लेकिन ये आयडिया काफी अच्छा लग रहा है.”

जब ट्रम्प ये थ्योरी दे रहे थे उस समय व्हाइट हाउस कोरोना टास्क फ़ोर्स की कॉर्डिनेटर डॉक्टर देबोराह ब्रिक्स भी वहीं मौजूद थीं, हालांकि उन्होंने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. ट्रम्प के इस बयां के बाद उनका सोशल मीडिया पर काफी मजाक भी उदय जा रहा है. कुछ डॉक्टरों ने ट्रम्प के बयान सिरे से खारिज कर दिया. गार्जियन के मुताबिक ट्रंप के इस दावे को कई नामी डोक्टरों ने गलत बताया है और फेफड़ों की सफाई या फिर अल्ट्रा वायलेट किरणों से इलाज को पागलपन करार दिया है. इसके आलावा यूनिवर्सिटी ऑफ़ कैलिफोर्निया के प्रोफ़ेसर रॉबर्ट राईख ने कहा कि ट्रंप जो गलत जानकारियां साझा कर रहे हैं ये आम लोगों की जिंदगी के लिए काफी खतरनाक साबित हो सकती हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति के के इस दावे के बाद ट्विटर पर लोगों ने उनकी काफी आलोचना की है.

 

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