ट्रम्प की नई टैरिफ नीति से अर्थव्यवस्था पर भी असर: रिपोर्ट

Trump got angry on the victory of Indian-origin Zohran Mamdani in the New York mayoral race, said – "100% communist crazy"चिरौरी न्यूज

नई दिल्ली: अमेरिका द्वारा भारतीय उत्पादों पर अतिरिक्त 25 प्रतिशत टैरिफ लागू करने के बाद भारतीय निर्यातक चिंता में हैं। यह निर्णय बुधवार को (अमेरिका समयानुसार) प्रभावी हुआ है और इसका प्रभाव न केवल भारत पर, बल्कि खुद अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर भी देखा जा रहा है।

एसबीआई रिसर्च की एक रिपोर्ट के अनुसार, इन टैरिफ के चलते अमेरिका की GDP को 40 से 50 बेसिस पॉइंट (bps) तक का नुकसान हो सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इससे अमेरिकी बाजार में मुद्रास्फीति (Inflation) का दबाव और अधिक बढ़ेगा।

रिपोर्ट में कहा गया, “अमेरिका में महंगाई के दबाव के संकेत दिखने लगे हैं, जो हालिया टैरिफ और डॉलर में कमजोरी के कारण हैं — विशेष रूप से इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स जैसे आयात-आधारित सेक्टर्स में।”

एसबीआई रिसर्च का यह भी कहना है कि अमेरिका में मुद्रास्फीति अब 2026 तक 2 प्रतिशत के फेडरल रिजर्व लक्ष्य से ऊपर बनी रह सकती है।

फेडरल रिजर्व चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने जैक्सन होल सम्मेलन में कहा कि टैरिफ के असर अब स्पष्ट रूप से महंगाई में दिखने लगे हैं। जुलाई में अमेरिका का प्रोड्यूसर प्राइस इंडेक्स (PPI) करीब 1 प्रतिशत बढ़ा — जो तीन वर्षों में सबसे तेज वृद्धि है। साल-दर-साल के हिसाब से PPI में 3.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है, जिसमें सर्विसेज, प्रोसेस्ड गुड्स और टैरिफ-प्रभावित आयात जैसे फर्नीचर और परिधान पर विशेष असर देखा गया।

अर्थशास्त्रियों ने चेतावनी दी है कि यदि ये टैरिफ वापस नहीं लिए गए, तो अमेरिकी परिवारों को अपने बजट पर और ज्यादा दबाव का सामना करना पड़ सकता है।

गौरतलब है कि अमेरिकी डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी (DHS) ने एक ड्राफ्ट अधिसूचना में कहा है कि यह अतिरिक्त 25 प्रतिशत टैरिफ भारत पर इसलिए लगाया जा रहा है ताकि “रूसी सरकार से उत्पन्न खतरों” का मुकाबला किया जा सके। यह टैरिफ पहले घोषित 25 प्रतिशत शुल्क के अतिरिक्त होगा। हालांकि, कुछ उत्पादों जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स और दवाओं को इससे छूट दी गई है।

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