पत्नी पर नस्लीय हमलों को लेकर अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस भड़के
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: संयुक्त राज्य अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने अपनी पत्नी उषा वेंस के खिलाफ की गई नस्लीय टिप्पणियों और गालियों की कड़ी निंदा करते हुए कहा है कि इस तरह के हमलों का सार्वजनिक जीवन में कोई स्थान नहीं है। UnHerd को दिए एक साक्षात्कार में वेंस ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि वे “हर प्रकार की जातीय और नस्लीय घृणा” के सख्त खिलाफ हैं, चाहे ऐसा करने वाला कोई भी क्यों न हो।
दूर-दराज़ दक्षिणपंथी पॉडकास्टर निक फुएंटेस और पूर्व व्हाइट हाउस प्रेस सचिव जेन साकी की टिप्पणियों का ज़िक्र करते हुए वेंस ने बिना किसी संकोच के कहा, “मैं बिल्कुल साफ कहना चाहता हूँ—जो भी मेरी पत्नी पर हमला करता है, चाहे उसका नाम जेन साकी हो या निक फुएंटेस, यह पूरी तरह अस्वीकार्य है।”
उन्होंने कहा कि यह उनका अमेरिका के उपराष्ट्रपति के रूप में “आधिकारिक रुख” है। एबीसी न्यूज़ के अनुसार, निक फुएंटेस पहले भी उषा वेंस और उनके बच्चों को लेकर उनकी भारतीय विरासत के संदर्भ में नस्लीय टिप्पणियाँ कर चुका है। हाल ही में दूसरी महिला (Second Lady) के लिए नस्लीय अपशब्द के इस्तेमाल के बाद कई रिपब्लिकन नेताओं ने इसकी निंदा की।
ओहायो के गवर्नर पद के उम्मीदवार और पूर्व राष्ट्रपति पद के दावेदार विवेक रामास्वामी ने Turning Point USA के AmericaFest कार्यक्रम में इस हमले की तीखी आलोचना की। उन्होंने कहा, “अगर कोई अमेरिका की दूसरी महिला को नस्लीय गाली देता है, तो उसका रूढ़िवादी आंदोलन के भविष्य में कोई स्थान नहीं हो सकता।”
उनके इस बयान पर कार्यक्रम में मौजूद लोगों ने जोरदार तालियाँ बजाईं।
वेंस ने यह भी कहा कि दक्षिणपंथी राजनीति में निक फुएंटेस के प्रभाव को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जा रहा है। उन्होंने कहा, “डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन और दक्षिणपंथी संस्थानों में निक फुएंटेस का प्रभाव जितना बताया जाता है, वास्तव में उससे कहीं कम है।”
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि फुएंटेस की भूमिका को जानबूझकर बढ़ाया जा रहा है ताकि अमेरिका और इज़राइल के रिश्तों पर गंभीर विदेश नीति बहस से ध्यान हटाया जा सके, हालांकि उन्होंने इस दावे पर विस्तार से कुछ नहीं कहा।
साक्षात्कार के दौरान जेडी वेंस ने यह दोहराया कि वे यहूदी-विरोधी सोच और नस्लीय भेदभाव के पूरी तरह खिलाफ हैं। उन्होंने कहा, “यहूदी-विरोधी भावना और किसी भी तरह की जातीय घृणा का रूढ़िवादी आंदोलन में कोई स्थान नहीं है।”
उन्होंने नस्ल या धर्म के आधार पर किसी को निशाना बनाए जाने को “घृणित” बताया और कहा कि किसी व्यक्ति को उसके गोरे, काले या यहूदी होने के कारण निशाना बनाना समान रूप से गलत है।
गौरतलब है कि जेडी वेंस पहले भी धर्म और परिवार को लेकर अपने बयानों के कारण चर्चा में रहे हैं। उन्होंने यह इच्छा जताई थी कि उनकी हिंदू पत्नी उषा वेंस कभी ईसाई धर्म अपनाएँ। बाद में उन्होंने स्पष्ट किया कि उषा के धर्म परिवर्तन की कोई योजना नहीं है और वे अपने विश्वासों के बावजूद उनका सम्मान करते रहेंगे।
