16 महीने बाद कोर्ट पर लौटीं वीनस विलियम्स, डबल्स में जीत के साथ धमाकेदार वापसी
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: सात बार की ग्रैंड स्लैम सिंगल्स चैंपियन वीनस विलियम्स ने 16 महीने बाद टेनिस कोर्ट पर धमाकेदार वापसी की है। 45 वर्षीय अमेरिकी खिलाड़ी ने WTA और ATP DC ओपन में डबल्स मैच जीतकर अपने प्रतिस्पर्धात्मक करियर की नई शुरुआत की। वीनस ने अपनी हमवतन हेली बैपटिस्टे के साथ मिलकर कनाडा की यूजिनी बुचार्ड और अमेरिकी किशोरी क्लरवी नगुओनुए को पहले राउंड में 6-3, 6-1 से हराया।
मैच के बाद वीनस ने कहा, “हेली ने मुझसे पूछा कि कैसा लगा? सच कहूं तो डबल्स खेलना पहले और भी मुश्किल होता है क्योंकि मैं डबल्स प्लेयर नहीं हूं।”
उन्होंने आगे कहा, “हेली ने पहला सर्व किया क्योंकि वह पूरे साल खेल रही है और अच्छे फॉर्म में है। उसका अनुभव मेरे लिए बहुत मददगार रहा।”
वीनस विलियम्स, जिन्होंने पिछले साल स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं और सर्जरी का सामना किया, अब फिर से कोर्ट पर लौटने को लेकर भावुक दिखीं। उन्होंने कहा, “पिछले साल मैं सर्जरी की तैयारी कर रही थी, और इस साल मैं टूर्नामेंट के लिए। यह रात और दिन जैसा अंतर है।”
अब वीनस मंगलवार को अमेरिकन खिलाड़ी पेटन स्टर्न्स के खिलाफ मुख्य कोर्ट पर सिंगल्स मैच खेलेंगी। डबल्स मैच के दौरान करीब 3,000 दर्शकों ने कोर्ट पर मौजूद रहकर उनका उत्साह बढ़ाया, जिनमें NBA सुपरस्टार केविन ड्यूरेंट भी शामिल थे।
वीनस ने कहा, “मैं मैच में इतनी फोकस्ड थी, फिर हेली से पूछा, ‘क्या तुमने देखा केविन ड्यूरेंट आ गया?’ वह बोली, ‘हां’। मैंने सोचा – KD को दिखाना है कि मैं क्या कर सकती हूं। लेकिन हर शॉट हेली की ओर जा रहा था!”
बैपटिस्टे ने कहा, “यह बहुत कूल है कि ड्यूरेंट हमें सपोर्ट करने आए। वह कोर्ट के किनारे थे, यह अपने आप में बड़ी बात है।”
वीनस ने अपनी वापसी पर कहा, “मेरे लिए सबसे ज़रूरी है कि मैं स्वस्थ रहूं। जब आपकी सेहत नहीं होती या मौके छिन जाते हैं, तब जीवन का नजरिया पूरी तरह बदल जाता है। उस समय मैं सिर्फ सफल सर्जरी चाहती थी, टेनिस मेरे दिमाग में भी नहीं था।”
उन्होंने कहा, “टेनिस हमारे लिए खेल से बढ़कर है, यह जुनून है, बल्कि कहें तो यह एक तरह का ‘कल्ट’ है। लेकिन अगर आपकी सेहत साथ न दे, तो यह सब मायने नहीं रखता। इसने मुझे नई दृष्टि दी और शायद कोर्ट पर और अधिक स्वतंत्र होकर खेलने का आत्मविश्वास भी।”
वीनस ने अपनी भावनाएं दर्शकों से साझा करने को भी अहम बताया। उन्होंने कहा, “इस एक पल के लिए मैंने महीनों ट्रेनिंग की है। जीत पक्की नहीं होती जब तक अंतिम प्वाइंट न मिल जाए, और जब वह मिलता है, तो उसे साझा करना ज़रूरी होता है।”
इस मुकाबले में वीनस के सामने थीं कनाडा की यूजिनी बुचार्ड, जो अगले सप्ताह कनाडा में अपने रिटायरमेंट की घोषणा करने वाली हैं। उन्होंने कहा, “वीनस के खिलाफ आखिरी बार खेलना बहुत खास था। वह मुझसे 14 साल बड़ी हैं और आज भी खेल रही हैं, उन्हें देख कर बस सम्मान आता है। वो सच में एक लेजेंड हैं।”
वीनस की यह वापसी सिर्फ एक जीत से कहीं ज्यादा है — यह जज़्बे, समर्पण और टेनिस के प्रति उनकी दीवानगी का जीवंत प्रमाण है। अब सभी की निगाहें मंगलवार को होने वाले उनके सिंगल्स मुकाबले पर टिकी होंगी।