उप-राष्ट्रपति चुनाव: एनडीए के मुकाबले विपक्ष ने जस्टिस सुधर्शन रेड्डी को बनाया साझा उम्मीदवार
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा एनडीए के उप-राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार सी.पी. राधाकृष्णन को समर्थन देने की विपक्ष से अपील के बीच, मंगलवार को INDIA गठबंधन ने अपने साझा उम्मीदवार के रूप में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस सुधर्शन रेड्डी को मैदान में उतारा।
जस्टिस रेड्डी सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति से पहले गुवाहाटी हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के न्यायाधीश रह चुके हैं। वह 2011 में सुप्रीम कोर्ट से सेवानिवृत्त हुए थे।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार की घोषणा करते हुए कहा कि यह चुनाव एक वैचारिक लड़ाई है। उन्होंने कहा, “सभी विपक्षी दल एकमत हैं। लोकतांत्रिक मूल्यों पर हमला हो रहा है। सभी पार्टियों ने एकमत से यह फैसला लिया है और यह लोकतंत्र के लिए बड़ी उपलब्धि है।”
उन्होंने रेड्डी की योग्यता का उल्लेख करते हुए कहा, “उन्होंने गुवाहाटी हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में सेवा दी है। वे सामाजिक और राजनीतिक न्याय के प्रबल पक्षधर रहे हैं।”
इंडिया टुडे टीवी से विशेष बातचीत में जस्टिस रेड्डी ने सभी दलों, यहां तक कि एनडीए से भी समर्थन की अपील की। उन्होंने भरोसा जताया कि आगामी चुनाव में विपक्ष का प्रतिनिधित्व करते हुए वे भारत की 60% आबादी की आवाज बनेंगे।
सूत्रों के अनुसार, विपक्ष ने जस्टिस रेड्डी को उम्मीदवार बनाकर एनडीए की सहयोगी पार्टियों—जैसे आंध्र प्रदेश में चंद्रबाबू नायडू की तेलुगू देशम पार्टी और पवन कल्याण की जनसेना—पर दबाव बनाने की रणनीति अपनाई है। वहीं, बीआरएस और वाईएसआर कांग्रेस जैसी तेलुगू पार्टियां, जिन्होंने पहले एनडीए के उम्मीदवार का समर्थन किया था, अब अपने रुख पर पुनर्विचार कर सकती हैं।
सूत्रों का यह भी कहना है कि एनडीए द्वारा तमिलनाडु से सी.पी. राधाकृष्णन को उम्मीदवार बनाए जाने के जवाब में विपक्ष ने यह कदम उठाया है, ताकि दक्षिण भारत में द्रविड़ दलों को असमंजस में डाला जा सके।
जानकारों के अनुसार, विपक्ष ने जस्टिस रेड्डी को चुनकर हर पहलू पर विचार किया है—डीएमके दक्षिण भारत से उम्मीदवार चाहती थी, जबकि तृणमूल कांग्रेस एक गैर-राजनीतिक चेहरा चाहती थी।
