उपराष्ट्रपति नायडू ने भारतीय हस्तशिल्प और हथकरघा उत्पादों को बढ़ावा देने किया आग्रह

There is a need to protect Indian culture and heritage: Vice Presidentचिरौरी न्यूज़

नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति, एम वेंकैया नायडू ने आज लोगों, विशेषकर युवाओं से विदेशी वस्तुओं के बजाय भारतीय हस्तशिल्प, हथकरघा, खादी और कारीगरों द्वारा बनाये गये अन्य उत्पादों को खरीदने और बढ़ावा देने का आह्वान किया।

उपराष्ट्रपति, जो उत्तर-पूर्वी राज्यों के दौरे पर हैं, ने अगरतला, त्रिपुरा में हथकरघा और हस्तशिल्प उत्पादों की एक प्रदर्शनी का उद्घाटन किया, साथ ही लगाये गये स्टालों को भी देखा और कारीगरों, बुनकरों तथा अन्य लोगों के साथ बातचीत की।

उन्होंने लोगों से ‘वोकल फॉर लोकल’ होने का आग्रह करते हुए कहा कि वे प्रदर्शनी में रखे गये विभिन्न उत्पादों जैसे बांस की बोतलें, बांस के हैंडबैग, कृत्रिम फूल, अगरबती, रिशा (पारंपरिक दुपट्टा), मलबरी सिल्क के उत्पाद और अगर पेड़ से तैयार इत्र-तेल से बेहद प्रभावित हुए।

उन्होंने कारीगरों, बुनकरों और अन्य पारंपरिक उत्पादों के निर्माताओं की प्रतिभा और शिल्प कौशल की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्हें प्रोत्साहित किये जाने की जरूरत है।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारतीयों में अपार प्रतिभा और ज्ञान है। जनसंख्या के लगभग 65% के 35 वर्ष से कम आयु का होने और 50% जनसंख्या के 25 वर्ष से कम आयु के होने के साथ भारत को विशिष्ट रूप से जनसांख्यिकी लाभ मिला है। उन्होंने कहा कि समय की मांग है कि प्रतिभाओं की पहचान की जाये और कारीगरों और शिल्पकारों को उनके कौशल को उन्नत करने के लिए प्रशिक्षण दिया जाये।

उन्होंने केन्द्र और विभिन्न राज्य सरकारों से आग्रह किया कि वे कारीगरों और बुनकरों को समय पर एवं किफायती ऋण और मार्केटिंग के अवसर प्रदान करने पर अधिक महत्व दें ताकि उनको आय हो और वे अपने पैरों पर खड़े हो सकें। श्री नायडू ने प्रदर्शनी के आयोजन के लिए आयोजकों, राज्य सरकार और पूर्वोत्तर परिषद की सराहना की।

त्रिपुरा के माननीय मुख्यमंत्री श्री बिप्लब कुमार देब, माननीय उद्योग और वाणिज्य (एचएचएस) और आदिवासी कल्याण मंत्री श्री मेवर कुमार जमातिया,  पूर्वोत्तर परिषद के सचिव श्री के. मोज़स चलई और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *