वाधवानी फाउंडेशन और फ्रंटीयर मार्केट्स ने ग्रामीण भारत की 10,000 महिलाओं का सशक्तिकरण के लिए रणनीतिक साझेदारी की घोषणा की

On the occasion of Women's Entrepreneurship Day 2021, Wadhwani Foundation appeals to aspiring women entrepreneurs to take advantage of the opportunityचिरौरी न्यूज़

नई दिल्ली:

  • वाधवानी कैटेलिस्ट फंड (आजीविका केंद्रित इंपैक्ट फंड) द्वारा फंडिंग ताकि सरल जीवन सहेलियों को इतना सक्षम और सशक्त किया जा सके कि वे स्थायी आजीविका हासिल कर सकें
  • वाधवानी कैटेलिस्ट फंड को अधूरी सेवा वाले 5-6 बिलियन डॉलर के इस ई-कामर्स बाजार में भारी संभावना नजर आती है। अनुमान है कि 2030 तक यह बढ़कर 40 बिलियन डॉलर का हो जाएगा।
  • वाधवानी फाउंडेशन और फ्रंटीयर मार्केट्स अच्छे तालमेल में हैं कियह भारत की आत्मा – इसकी महिलाओं, इसके बच्चे और इसके भविष्य में निवेश है।

वाधवानी फाउंडेशन और वाधवानी कैटेलिस्ट फंड ने आज ढाई साल में ग्रामीण भारत की 10,000 महिलाओं के सशक्तिकरण और समर्थन के लिए फ्रंटीयर मार्केट के साथ साझेदारी का एलान किया। इसके तहत उन्हें स्वतंत्र रूप से कमाने में सहायता की जाएगी।

गांवों की इन स्थानीय महिलाओं को ‘सरल जीवन सहेलियां’ कहा जाता है। इन्हें चुनकर नौकरी दी जाएगी, काम सिखाया जाएगा और फिर आजीविका कमाने का मौका मुहैया कराया जाएगा। ग्रामीण समुदाय में सहेलियों का योगदान प्रभावित करने के लिहाज से अभिन्न होता है, खासकर उनके अपने गांवों में। इसलिए, आय के उनके मौकों को बेहतर करके, वाधवानी फाउंडेशन और फ्रंटीयर मार्केट्स का उद्देश्य ग्रामीण परिवारों की संपूर्ण गुणवत्ता को बेहतर करना तथा बच्चों के भविष्य में निवेश करने के योग्य बनाना है।

ग्रामीण महिलाएं स्थायी कमाई या आजीविका की तलाश में रहती हैं उनके लिए मौके बहुत कम और बहुत दूर होते हैं। ऐसे में सहेलियों के सशक्तिकरण के अपने मिशन को पूर्ण करने के लिए फ्रंटीयर मार्केट्स अपना विस्तार नए भौगोलिक क्षेत्रों में करेगा और इनकी संख्या मौजूदा दो राज्यों से सात राज्य तक करेगा। यही नहीं, टेक्नालॉजी प्लैटफॉर्म में अच्छा खासा निवेश करेगा और नए भौगोलिक क्षेत्र में बढ़ते हुए नई सहेलियों को शामिल करेगा।  दीर्घ अवधि का उद्देश्य इस उपलब्धि को उत्प्रेरक बनाना और 5-6 वर्षों में हजारों सहेलियों को जोड़ना है।

यह वाधवानी कैटलिस्ट फंड के मिशन से तालमेल में है जो उत्प्रेरक फंडिंग के जरिए प्रभाव बढ़ाना है और इसका मकसद बड़े पैमाने पर रोजगार के मौके तैयार करना है। इस साजेदारी की कोशिश है कि सहेलियों की आय बढ़कर 7,000-10,000 रुपए / माह हो जाए ताकि वे एक स्वतंत्र और सम्मानित जीवन जी सकें। ग्रामीण क्षेत्रों में यह किसी परिवार के लिए अच्छा-खासा अतिरिक्त आय है।

फंडिंग की बंदी के बारे में बताते हुए वाधवानी फाउंडेशन – इंडिया / एसईए के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर संजय शाह ने कहा, “वाधवानी फाउंडेशन फ्रंटीयर मार्केट्स के साथ साझेदारी करके उत्साहित है। 2011 में सिर्फ साफ ऊर्जा और कृषि उत्पाद बेचने से लेकर अभी तक वे कई श्रेणियां शामिल कर पाए हैं। इनमें कंज्यूमर ड्यूरेबल प्रोडक्टस और आवश्यक सेवाएं शामिल हैं। इसके लिए लिए उनके सामाजिक वाणिज्यिक प्लैटफॉर्म को आगे बढ़ाया गया और ग्रामीण उपभोक्ताओं को ठीक से जाना समझा गया। फ्रंटीयर मार्केट उस तरीके को बदल रहा है जिससे गावों में उत्पादों और सेवाओं को खरीदा जाता है तथा जिस ढंग से देश भर में कारोबार किया जाता है। इसके लिए ग्रामीण महिलाओं की सेल्स फोर्स (या सहेलियां) है जो स्मार्ट फोन और उपभोक्ताओं से संबंधित अच्छी जानकारी से युक्त हैं। ये बदलाव की वाहक हैं और धन व मुनाफा कमाने की कोशिश में अपना प्रभाव भी छोड़ रही हैं। निश्चित रूप से हम वाधवानी इकोसिस्टम को आगे बढ़ाना चाहते हैं ताकि उन्हें अपने नेटवर्क का विस्तार करने में सहायता कर सकें और ज्यादा लोगों के जीवन छू सकें।”

फ्रंटीयर मार्केट्स एक ग्रामीण सामाजिक वाणिज्यिक प्लैटफॉर्म है जो करीब 10,000 ग्रामीण महिला उद्यमियों (सहेलियों) के नेटवर्क के जरिए 3000 से ज्यादा गांवों में उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद मुहैया करवा रही हैं। ये निश्चित आय प्राप्त करती हैं और इनकी कमाई बढ़ रही है। इसके उत्पादों में साफ ऊर्जा समाधान, ऊर्जा कुशल घरेलू उपकरण, मोबाइल फोन, कृषि उत्पाद, एफएमसीजी और डिजिटल वित्तीय सेवाएं शामिल हैं।

अजैता शाह, संस्थापक और सीईओ, फ्रंटीयर मार्केट्स ने कहा, “हम वाधावनी फाउंडेशन और वाधवानी कैटेलिस्ट फंड के साथ साझेदारी को लेकर बेहद उत्साहित हैं क्योंकि ये हमारे इस मंत्र की पुष्टि करते हैं कि माहिलाओं में निवेश करना स्मार्ट कारोबार है और पैमाने पर एसडीजी लक्ष्य को आगे बढ़ाने की कुंजी। यह साझेदारी पहली साझेदारियों में एक है जो यह बताती है कि मिश्रित पूंजी को कैसे सामाजिक कारोबारों को आगे बढ़ाने के लिए बढ़ाया जा सकता है और द्रुत गति से आगे बढ़ने में सहायता मिल सकती है।”

फिजिटल मॉडल के जरिए ‘सहेलियां’ ग्राहकों को समझती हैं और मांग तैयार करती है। ऐप्प ग्राहक से संबंधित डाटा एकत्र करता है, उत्पादों को प्रदर्शित करता है, बिक्री और इनवेंट्री का प्रबंध करता है जबकि ‘सहेली’ का घर  स्टोर, स्थानीय टच प्वाइंट का दोहरा कार्य करता है और यह वेयर हाउस के रूप में इसे फ्रंटीयर बाजारों का समर्थन भी रहता है। यह पहला डाटा केंद्रित मॉडल है जो ग्रामीण उपभोक्ताओं के लिए खास समाधान को आगे बढ़ान के लिए जानकारी देता है।

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