मोहम्मद सिराज की गेंदबाज़ी पर वसीम अकरम बोले, अब वह सिर्फ सहायक गेंदबाज़ नहीं

चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: भारतीय तेज़ गेंदबाज़ मोहम्मद सिराज के ओवल टेस्ट में शानदार प्रदर्शन के बाद पाकिस्तान के दिग्गज तेज गेंदबाज़ वसीम अकरम ने उनकी जमकर तारीफ की है। अकरम ने कहा कि सिराज अब टीम में सिर्फ सहायक गेंदबाज़ नहीं, बल्कि प्रमुख आक्रमणकर्ता बन चुके हैं। सिराज ने सीरीज़ के आखिरी टेस्ट मैच में दोनों पारियों में कुल नौ विकेट चटकाए और भारत को छह रन से रोमांचक जीत दिलाकर पांच मैचों की सीरीज़ 2-2 से बराबरी पर खत्म करवाई।
31 वर्षीय सिराज ने सीरीज़ के दौरान कुल 185.3 ओवर गेंदबाज़ी की और जसप्रीत बुमराह की गैरमौजूदगी में गेंदबाज़ी आक्रमण की अगुवाई की। बुमराह सिर्फ तीन टेस्ट मैचों में खेले थे और उन्हें अंतिम मुकाबले में आराम दिया गया था। वसीम अकरम ने सिराज की फिटनेस, मानसिक ताकत और लगातार आक्रामकता को ‘अविश्वसनीय’ बताया।
अकरम ने टेलीकॉम एशिया स्पोर्ट से बातचीत में कहा, “सिराज भूख और जुनून से भरे हुए थे – यह एक अविश्वसनीय प्रयास था। पांच टेस्ट मैचों में लगभग 186 ओवर फेंकने के बावजूद उन्होंने आखिरी दिन जिस आक्रामकता से गेंदबाज़ी की, वह उनकी जबरदस्त सहनशक्ति और मानसिक दृढ़ता को दर्शाता है। अब वह सिर्फ एक सहायक गेंदबाज़ नहीं हैं।”
अकरम ने चौथे दिन हैरी ब्रुक का कैच छूटने के बावजूद सिराज की मानसिक मजबूती की भी सराहना की। उन्होंने कहा, “जब ब्रुक का कैच छूटा, तब भी उन्होंने अपना ध्यान नहीं खोया। यह एक सच्चे योद्धा की पहचान है। वह आक्रमण का नेतृत्व कर रहे हैं और पूरे समर्पण के साथ कर रहे हैं। टेस्ट क्रिकेट अब भी जीवंत है।”
ओवल टेस्ट के आखिरी दिन मुकाबला बेहद रोमांचक मोड़ पर था। भारत को जीत के लिए चार विकेट चाहिए थे जबकि इंग्लैंड को सिर्फ 35 रन। अकरम ने कहा कि वह उस दिन टीवी से चिपके रहे और भारत की जीत की 60 प्रतिशत संभावना जता रहे थे।
अकरम बोले, “मैं जब काम पर नहीं होता, तो आमतौर पर क्रिकेट नहीं देखता। लेकिन उस दिन मैं टीवी के सामने से हिला तक नहीं। मैंने सोचा कि भारत के जीतने की 60 फीसदी संभावना है। बस शुरुआती ब्रेकथ्रू की ज़रूरत थी और सिराज ने वो दिलाया। वोक्स चोटिल थे और भारत के जोश ने बाकी काम कर दिया।”
वसीम अकरम ने बुमराह को अंतिम टेस्ट में आराम देने के फैसले को भी ‘साहसी’ बताया और कहा कि यह दूरदर्शी कदम था क्योंकि भारत के पास मजबूत बेंच स्ट्रेंथ है।
उन्होंने कहा, “अपने सबसे बेहतरीन गेंदबाज़ को अहम मैच में आराम देना एक साहसी निर्णय होता है। लेकिन भारत के पास गहराई है और यह रणनीति पूरी तरह से सफल रही। 2025 में एशिया कप और 2026 में टी20 विश्व कप आने वाले हैं, ऐसे में बुमराह जैसे खिलाड़ियों की फिटनेस को लेकर दूरदर्शिता बेहद जरूरी है।”
अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में भारत की अगली चुनौती अब एशिया कप होगी, जिसमें टीम के प्रदर्शन पर सबकी निगाहें होंगी।