“हम जीतेंगे या हारेंगे… लेकिन हार नहीं मानेंगे”: गंभीर ने भारत की ऐतिहासिक वापसी पर दी प्रतिक्रिया
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: “हम कुछ मैच जीतेंगे, कुछ हारेंगे… लेकिन हम कभी हार नहीं मानेंगे! शानदार प्रदर्शन लड़कों!” भारत के मुख्य कोच गौतम गंभीर ने यह संदेश सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर लिखा, जब उनकी टीम ने इंग्लैंड में ऐतिहासिक अंदाज़ में 2-2 की सीरीज़ ड्रॉ की। यह सीरीज़ एंडरसन-तेन्दुलकर ट्रॉफी के नाम पर खेली गई थी और भारत ने आखिरी टेस्ट में जो चमत्कारी जीत दर्ज की, वह क्रिकेट इतिहास में सुनहरे अक्षरों में लिखी जाएगी।
लंदन के ओवल मैदान पर जब भारत को सिर्फ़ 35 रन डिफेंड करने थे और इंग्लैंड के पास 4 विकेट बाकी थे, तो भारत की हार तय मानी जा रही थी। शुरुआती दो गेंदों पर ही दो चौकों ने हालात और बिगाड़ दिए। लेकिन मोहम्मद सिराज और प्रसिद्ध कृष्णा ने गेंद को ऐसे नचाया कि इंग्लैंड की बल्लेबाज़ी ध्वस्त हो गई। आख़िरी वार सिराज ने किया, जब उन्होंने यॉर्कर से गस एटकिंसन की गिल्लियां बिखेर दीं और भारत को छह रन की अविश्वसनीय जीत दिलाई। जीत के बाद गंभीर खुद मैदान पर आए और कप्तान शुभमन गिल को गले लगाया – यह क्षण बताने के लिए काफी था कि इस जीत का क्या महत्व था।
यह जीत सिर्फ़ एक टेस्ट मैच की नहीं थी, बल्कि एक कठिन दौर से बाहर निकलने की गाथा थी। पिछले अक्टूबर से न्यूज़ीलैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज़ के बाद से भारत ने आठ में से छह टेस्ट गंवाए थे। घरेलू मैदान पर न्यूज़ीलैंड से क्लीन स्वीप और फिर ऑस्ट्रेलिया में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में 3-1 की करारी हार गंभीर के कोचिंग कार्यकाल पर सवाल खड़े कर चुकी थी। हालांकि, उस बीच पर्थ में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 295 रनों से हराकर ताकत दिखाई थी और ब्रिस्बेन में बारिश ने भारत को हार से बचा लिया था।
इंग्लैंड दौरे की शुरुआत भी निराशाजनक रही, जब हेडिंग्ले में भारत को पारी और पांच विकेट से हार झेलनी पड़ी। लेकिन इसके बाद टीम इंडिया ने हार नहीं मानी। एजबेस्टन में 336 रन की ऐतिहासिक जीत, लॉर्ड्स में अंत तक लड़ा गया मुकाबला जिसमें 22 रन से हार हुई, और फिर मैनचेस्टर में संघर्षपूर्ण ड्रॉ – इन सभी मैचों ने यह जता दिया कि टीम वापसी की राह पर है। अंतिम टेस्ट में ओवल में तो भारत ने जो जुझारूपन दिखाया, उसने सीरीज़ को 2-2 पर ला खड़ा किया और क्रिकेट जगत को चौंका दिया।
पूर्व कोच संजय बांगड़ ने जियोहॉटस्टार पर इस जीत को खास करार देते हुए कहा, “यह भारतीय क्रिकेट के इतिहास के खास लम्हों में से एक है। यह जीत गंभीर के लिए भी बेहद अहम है।” उन्होंने आगे कहा, “गंभीर ने टीम में कई संयोजन आजमाए। शुरुआत में उन्हें न्यूज़ीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने कभी उम्मीद नहीं छोड़ी। जिस दिशा में वो टीम को ले जाना चाहते थे, उस सोच पर अडिग रहे। और आज उसका नतीजा सबके सामने है।”
इस सीरीज़ ने न केवल टीम इंडिया को वापसी की राह पर लाया, बल्कि गंभीर को बतौर कोच मजबूती से खड़ा किया। अब जब भारत ने इंग्लैंड में अंग्रेज़ों को उनकी ही ज़मीन पर पछाड़ा है, तो यह साफ़ है – टीम इंडिया हार मानने वालों में से नहीं है।