महिला आरक्षण विधेयक कानून बना, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दी मंजूरी

Women's Reservation Bill became law, President Draupadi Murmu approved
(File Photo/Twitter)

चिरौरी न्यूज

नई दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को महिला आरक्षण विधेयक को मंजूरी दे दी। राष्ट्रपति की मंजूरी के साथ ही विधेयक कानून बन गया।

केंद्र सरकार द्वारा जारी एक गजट अधिसूचना में, कानून और न्याय मंत्रालय ने कहा कि संविधान (एक सौ छठा संशोधन), अधिनियम 2023 को 28 सितंबर को राष्ट्रपति की सहमति मिली और इसे सामान्य जानकारी के लिए प्रकाशित किया जा रहा है।

संसद के दोनों सदनों, लोकसभा और राज्यसभा द्वारा बहुमत के साथ पारित होने के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संविधान (एक सौ छठा संशोधन), अधिनियम 2023 पर हस्ताक्षर किए। राष्ट्रपति से पहले उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने विधेयक पर हस्ताक्षर किये थे।

संविधान में यह संशोधन, जिसे आमतौर पर महिला आरक्षण विधेयक के रूप में जाना जाता है जो लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देगा। इसे हाल ही में संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित किया गया था।

बता दें कि उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने 28 सितंबर को ही इस बिल पर हस्ताक्षर कर दिए थे। उनके हस्ताक्षर के बाद ही बिल को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के सामने पेश किया गया था।

संविधान संशोधन विधेयक को लोकसभा ने लगभग बहुमत से पारित कर दिया, जबकि राज्यसभा ने इसे बहुमत से पारित कर दिया। इस विधेयक को संसद के 5 दिवसीय विशेष सत्र के दौरान चर्चा के लिए रखा गया था। नवनिर्मित संसद भवन में आयोजित होने वाला यह पहला सत्र था।

लोकसभा और सभी राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने वाले विधेयक को लागू होने में कुछ समय लगेगा। अगली जनगणना होने और परिसीमन (लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों का पुनर्निर्धारण) होने के बाद ही यह तय किया जाएगा कि महिला उम्मीदवारों को कौन सी सीटें आवंटित की जाएंगी।

कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से विधेयक की हस्ताक्षरित प्रति प्राप्त की। उपराष्ट्रपति कार्यालय ने मंत्री द्वारा विधेयक प्राप्त करने और उपराष्ट्रपति धनखड़ द्वारा दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर करने की तस्वीर साझा की।

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