चमोली हादसे में राहत और बचाव का काम जोरों पर, 27 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया

चिरौरी न्यूज़

नई दिल्ली: उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटने से बड़ा हादसा हो गया जिसमें कई लोगों की जान चली गई। अभी भी 200 से अधिक लोग लापता हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन रात में भी जारी रहा। हालांकि कई लोगों के अभी भी मलबे में दबे होने की आशंका है। आईटीबीपी, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम लगातार बचाव काम में लगी हुई हैं। चमोली पुलिस ने ट्वीट कर लोगों को सतर्क रहने को भी कहा है। वहीं दूसरी ओर खबर है कि ग्लेशियर टूटने के बाद तपोवन के पास एक झील बन गई है। अब इस झील का जलस्तर लगातार बढ़ता नजर आ रहा है। आपदा प्रभावित क्षेत्र से अब तक 27 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला जा चुका है।

उत्तराखंड के एडीजी मनोज रावत ने कहा है कि ग्लेशियर टूटने से हुए नुकसान को हम अब कम करने का प्रयास कर रहे हैं। बहुत सारे लोग इसमें लापता हुए हैं। NTPC डैम में काम कर रहे लोग लापता हुए हैं और डैम को भारी नुकसान हुआ है। बचाव और राहत अभियान जोरों से जारी है जिसमें बुलडोजर, जेसीबी आदि भारी मशीनों के अलावा रस्सियों और खोजी कुत्तों का भी उपयोग किया जा रहा है।

उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने कहा है कि अब तक हमने 18 शव बरामद किए हैं और लापता लोगों की संख्या 202 है। हमने टनल में 80 मीटर तक मलबा हटा दिया है, आगे हमारी मशीनें लगी हुई हैं और हमें शाम तक कुछ सफलता मिलने की उम्मीद है।

एस.एन प्रधान (DG NDRF) ने कहा कि अभी हमारा पूरा ध्यान 2।5 किलोमीटर लंबी सुरंग के अंदर फंसे हुए लोगों को बचाने पर है। सभी टीमें उसी काम में लगी हुई हैं। सुरंग में 1 किलोमीटर से ज्यादा तक की मिट्टी को हटा दिया गया है। जल्द ही हम उस स्थान तक पहुंच जाएंगे जहां पर लोग जीवित हैं।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा है कि तपोवन प्रोजेक्ट का काम चल रहा था, इसमें बड़ी संख्या में श्रमिक काम कर रहे थे। अब तक 11 शव बरामद हुए हैं और 203 लोग लापता हैं। मैंने अपने मुख्य सचिव को बोला है कि यहां मौजूद ISRO के वैज्ञानिकों की मदद से ग्लेशियर टूटने के कारणों को ढूंढा जाए ताकि भविष्य में हम एहतियात बरत सके।

अपर्णा कुमार (डीआईजी, सेक्टर हेडक्वार्टर, ITBP देहरादून) ने कहा कि बड़ी टनल को 70-80 मीटर खोला गया है, जेसीबी से मलबा निकाल रहे हैं। यहां कल से 30-40 कर्मी फंसे हुए हैं। आईटीबीपी, उत्तराखंड पुलिस, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और सेना यहां संयुक्त ऑपरेशन कर रही है।

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