राष्ट्रपति बने सेशेल्स में, खुशियाँ मनाई गयी बिहार के गोपालगंज में

चिरौरी न्यूज़

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव की गहमागहमी के बीच गोपालगंज के बरौली प्रखंड के परसौनी गांव के नोनिया टोली में उत्सव का माहौल है। इस उत्सव को देख कर एकबार में ये लगेगा कि गाँव का कोई व्यक्ति चुनाव में जीत हासिल कर लिया है जिससे पूरे गाँव में उत्साह का माहौल है।

चुनाव तो जीते हैं और वो भी राष्ट्रपति का। जी हाँ, सही पढ़ा आपने। बिहार के गोपालगंज स्थित परसौनी निवासी रामकलावन सेशेल्स के राष्ट्रपति चुने गए हैं।

रामकलावन जी के राष्ट्रपति चुने जाने के कारण पूरे गाँव में उत्सव का माहौल है। गाँव के लोगों का कहना है कि रामकलावन के पूर्वज तक़रीबन 130 साल पहले कोलकाता बंदरगाह से नमक का व्यापार करने के लिए सेशेल्स चले गए थे। गांव वालों ने पटाखे फोड़कर खुशियां मनाई। गांव के बेटे का सेशेल्स का राष्ट्रपति चुने जाने पर गांव वालों में खुशी की लहर है।

जैसे ही मंगलवार को ये खबर परसौनी गांव पहुंची, पूरे गाँव में लोगों ने एक-दूसरे को बधाई देते हुए पटाखे फोड़े और मिठाइयां बांटी। राष्ट्रपति के चचेरे भाई 82 वर्षीय रघुनाथ महतो बताते हैं कि वैवेल रामकलावन के पिता हरिचरण महतो अपने भाई जयराम महतो के साथ नमक का कारोबार करने के लिए 130 साल पहले कोलकाता गये थे और वहीँ से हरिचरण महतो मॉरिशस चले गये। मॉरिशस में ही जन्मे वैवेल रामकलावन ने गाँव से संपर्क बनाये रखा, और 2018 में वह गाँव आये भी थे। उस समय उन्होंने कहा था कि आज मैं जो भी हूं, इसी उर्वरा धरती की देन है। मैं ये नहीं जानता कि मेरे पूर्वजों के परिवार के लोग कौन हैं, लेकिन इस धरती पर पहुंचते ही ऐसा आभास हो रहा है कि हर घर मेरा अपना ही है।

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