अंबाला एयरबेस पर हुई राफेल लड़ाकू विमानों की लैंडिंग

चिरौरी न्यूज़

नई दिल्ली: फ़्रांस से आये पांच राफेल विमानों ने जैसे ही अम्बाला एयर बेस पर लैंड किया उनका स्वागत भारतीय वायुसेना ने वाटर सैल्यूट देकर किया। जैसे ही अम्बाला के आसमान में पाँचों राफेल के साथ साथ सुखोई ने अपनी गर्जना की, वहां मौजूद मीडियाकर्मी के साथ साथ सैकड़ों लोगों ने ताली बजा कर राफेल का स्वागत किया।

अंबाला एयरबेस पर लड़ाकू विमानों के लैंड होते ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर ये जानकारी दी। राजनाथ सिंह ने कहा कि राफेल विमानों का भारत आना हमारे सैन्य इतिहास में एक नए युग की शुरुआत है।  ये वायुसेना का पुराना ट्रेडिशन है, जिसे फाइटर जेट्स के आने पर हर बार फॉलो किया जाता है।

बता दें कि फ़्रांस से तक़रीबन 7 हज़ार किलोमीटर की दुरी टी कर के ये पाँचों राफेल विमान भारतीय सरजमीं पर आये हैं, और बीच में ये एक बार सयुक्त अरब अमीरात में रुके थे। अंबाला एयरबेस में ही राफेल फाइटर जेट्स की पहली स्क्वाड्रन तैनात है। 17वीं नंबर की इस स्क्वाड्रन को ‘गोल्डन-ऐरोज़’ नाम दिया गया है। इस स्क्वाड्रन में 18 राफेल लड़ाकू विमान होंगे, तीन ट्रैनर और बाकी 15 फाइटर जेट्स। राफेल विमानों की दूसरी स्क्वाड्रन उत्तरी बंगाल (पश्चिम बंगाल) के हाशिमारा में तैनात की जाएगी।

रक्षा मंत्री ने इस से पहले पांच विमानों की एक विडियो भी ट्वीट किया था। राफेल विमानों ने हवा में विक्टरी साइन भी बनाया था। 24,500 किलोग्राम वजन वाला राफेल एयरक्राफ्ट 9500 किलोग्राम भार उठाने में सक्षम है। इसकी अधिकतम रफ्तार 1389 किमी/घंटा है। एक बार उड़ान भरने के बाद 3700 किमी तक का सफर तय कर सकता है।

 

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