103 साल के गांधीवादी एच एस दोरैस्वामी ने दी कोरोना को मात, स्वस्थ होकर लौटे घर

चिरौरी न्यूज़

नई दिल्ली: देश में बढ़ते कोरोना संक्रमण से चारों और नकारात्मकता फ़ैल गयी है। लेकिन ऐसे समय में भी कोई 103 साल के आदमी कोरोना को मात देकर घर वापस आ रहा है तो उसे और उसकी सकारात्मक सोच को सैल्यूट करना चाहिए। जी हाँ सही सुना आपने, 103 साल के गांधीवादी और जाने माने स्वतंत्रता सेनानी एच एस दोरैस्वामी उम्र के इस पड़ाव पर भी अपनी अद्भुत मजबूत इच्छाशक्ति से कोरोना को मात देकर घर लौटे हैं।

बता दें कि दोरैस्वामी ने भारत छोड़ो आंदोलन में हिस्सा लिया था और 1943 से 1944 तक 14 महीने जेल में रहे थे। इस के साथ ही उन्होंने मैसूरू चलो आंदोलन में भी बढचढ कर हिस्सा लिया था जिसके कारण आजादी के बाद मैसूरू के महाराज को अपनी रियासत का भारत में विलय के लिए मजबूर होना पड़ा था। जिस व्यक्ति की इतनी मजबूत इच्छाशक्ति हो उसे कोरोना हरा ही नहीं सकता है।

आज घर लौटे दोरैस्वामी ने कहा, “ मुझे पांच दिन पहले लक्षण दिखे लेकिन कोई जटिलता नहीं हुई। फिर भी मैंने अस्पताल में भर्ती होने का निर्णय किया, क्योंकि मुझे श्वास – प्रणाली की समस्या है।”

दोरैस्वामी बेंगलुरु के ‘जयदेव इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोवास्कुलर साइंसेज एंड रिसर्च’ में भर्ती हुए थे जहाँ उनकी देखभाल जयदेव इंस्टीट्यूट के निदेशक, जाने-माने हृदय रोग विशेषज्ञ और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा के दामाद डॉ सीएन मंजूनाथ उनके इलाज की निजी तौर पर निगरानी कर रहे थे।

 

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