जांच एजेंसियों का दुरूपयोग कर विपक्षियों से बदला ले रही है सरकार: विपक्ष
चिरौरी न्यूज़
नई दिल्ली: एजेंसियों के दुरुपयोग के मुद्दे पर विपक्षी दलों ने गुरुवार को संसद में बैठक की और बाद में एक संयुक्त बयान जारी किया। बयान में कहा गया है, “मोदी सरकार ने जांच एजेंसियों का शरारती दुरुपयोग कर अपने राजनीतिक विरोधियों और आलोचकों के खिलाफ प्रतिशोध का एक अभियान चला रखा है। कई राजनीतिक दलों के प्रमुख नेताओं को जानबूझकर निशाना बनाया गया है और अभूतपूर्व तरीके से उत्पीड़न किया गया है।”
“हम इसकी निंदा करते हैं और हमारे समाज के सामाजिक ताने-बाने को नष्ट करने वाली मोदी सरकार की जन-विरोधी, किसान-विरोधी, संविधान-विरोधी नीतियों के खिलाफ अपनी सामूहिक लड़ाई को जारी रखने और तेज करने का संकल्प लेते हैं।”
संसद परिसर में नेता प्रतिपक्ष के कार्यालय में हुई बैठक में शामिल ग्यारह दलों में शामिल हैं : डीएमके, माकपा, भाकपा, आईयूएमएल, नेशनल कॉन्फ्रेंस, टीआरएस, एमडीएमके, एनसीपी, वीसीके, शिवसेना और राष्ट्रीय जनता दल। बैठक उस दिन की सुबह हुई है, जब कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी नेशनल हेराल्ड मामले में प्रवर्तन निदेशालय के सामने पेश होने वाली हैं। कांग्रेस सांसदों ने ‘विरोधियों के खिलाफ एजेंसियों के दुरुपयोग’ को लेकर संसद के दोनों सदनों में स्थगन नोटिस भी दिया।
लोकसभा में गौरव गोगोई और मनिकम टैगोर ने नोटिस दिया है। कांग्रेस सांसद के.सी. वेणुगोपाल ने ‘सत्तारूढ़ दल द्वारा राजनीतिक नेताओं को लक्षित करने के लिए ईडी, सीबीआई और आईटी विभाग सहित देश में केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग’ का हवाला देते हुए राज्यसभा में कार्यस्थगन का नोटिस दिया।