पटना में बीजेपी नेता गोपाल खेमका की हत्या से बिहार की सियासत गरम; विपक्ष ने कहा, ‘महाजंगल राज’ लौट आया

चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: बिहार की राजधानी पटना में शुक्रवार रात चर्चित व्यवसायी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता गोपाल खेमका की हत्या ने राज्य की राजनीति में भूचाल ला दिया है। विपक्षी नेताओं ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और एनडीए सरकार पर कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति का आरोप लगाते हुए राज्य में “महाजंगल राज” की वापसी का दावा किया है।
पूर्व उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने इस घटना को लेकर सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने आईएएनएस से विशेष बातचीत में कहा, “बिहार में महाजंगल राज है। हम बेहद दुखी हैं। खेमका जी की हत्या शुक्रवार को हुई, और कुछ साल पहले उनके बेटे की भी हत्या हुई थी – दोनों घटनाएं एनडीए शासन के दौरान हुईं। तब भी हमने कैंडल मार्च निकाला था।”
उन्होंने कहा, “यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। बिहार में अपराधियों का मनोबल सातवें आसमान पर है और मुख्यमंत्री पूरी तरह अचेत अवस्था में हैं। अपराध हर दिन बढ़ रहा है। बीजेपी वालों ने पूरा जंगल राज कायम कर दिया है, लोग बिहार छोड़कर जा रहे हैं।”
पुराने जख्म हरे हुए
खेमका परिवार के लिए यह घटना पुराने घावों को फिर से कुरेद गई है। वर्ष 2018 में गोपाल खेमका के बेटे, गुंजन खेमका की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। दोनों हत्याओं के बीच की समानता पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
जन अधिकार पार्टी के प्रमुख पप्पू यादव ने भी घटना की निंदा करते हुए सीबीआई जांच की मांग की। उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “गोपाल खेमका की हत्या की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में सीबीआई को सौंपी जाए। यह कोई आम अपराधी नहीं कर सकता, कोई प्रभावशाली व्यक्ति इसका मास्टरमाइंड है। वरना पटना ज़ोन पुलिस मुख्यालय के पास कोई अपराधी इतनी हिम्मत नहीं कर सकता।”
पप्पू यादव ने यह भी आरोप लगाया कि “उनके बेटे की भी इसी तरह हत्या हुई थी, इसका मतलब है कि हत्यारा और साजिशकर्ता वही है और उसे सत्ता का संरक्षण प्राप्त है।”
बीजेपी भी दुखी, पर विपक्षी आरोपों को किया खारिज
वरिष्ठ भाजपा नेता और सांसद रवि शंकर प्रसाद ने भी हत्या पर गहरा दुख जताते हुए इसे पटना के लिए व्यक्तिगत क्षति बताया। उन्होंने कहा, “मैं बेहद दुखी हूं। वे पटना के वरिष्ठ व्यवसायी और समाजसेवी थे। उनके बेटे की भी हत्या की गई थी और अब उनकी भी हत्या हो गई। यह घटना अत्यंत पीड़ादायक है।”
प्रसाद ने बताया कि उन्होंने पुलिस अधिकारियों, पटना कलेक्टर और दोनों उपमुख्यमंत्रियों से बात की है। राज्य सरकार ने मामले की जांच के लिए विशेष जांच टीम (SIT) के गठन की घोषणा की है। उन्होंने कहा, “हमें उम्मीद है कि SIT जल्द ही दोषियों को पकड़ लेगी। पटना की जनता का आक्रोश जायज़ है। अपराधियों की गुस्ताखी अब बर्दाश्त के बाहर है।”
हालांकि, उन्होंने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा, “मैं आरोप-प्रत्यारोप में नहीं पड़ना चाहता। क्या मैं उन्हें लालू यादव के दौर की याद दिलाऊं? यह एक दर्दनाक घटना है और सरकार पूरी तरह सतर्क है। जल्द न्याय मिलेगा।”
पुलिस का दावा, पुख्ता सुराग मिले
पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) कार्तिकेय के शर्मा ने जांच को लेकर कहा, “हमारे पास इस मामले में कई पुख्ता जानकारियां हैं। हम गुंजन खेमका की पुरानी हत्या से भी संभावित कड़ी की जांच कर रहे हैं। अगर कोई संबंध मिला, तो कठोर कार्रवाई की जाएगी। अभी हमारे पास मजबूत सुराग हैं, लेकिन मकसद का खुलासा जांच पूरी होने तक नहीं करेंगे।”
कौन थे गोपाल खेमका?
गोपाल खेमका एक कम-प्रचारित लेकिन बेहद प्रभावशाली उद्यमी थे। उन्होंने अपने दम पर एक बड़ा कारोबारी साम्राज्य खड़ा किया था। वह कभी मगध अस्पताल के मालिक हुआ करते थे, जो पटना के शीर्ष निजी अस्पतालों में शुमार था। इसके अलावा उनके पास पटना में कई मेडिकल दुकानें, एग्जिबिशन रोड पर पेट्रोल पंप, और हाजीपुर में कार्डबोर्ड फैक्ट्रियां थीं।
उनकी हत्या ने न सिर्फ राजनीतिक और सामाजिक हलकों में हलचल मचा दी है, बल्कि बिहार में अपराध और कानून-व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।